विदेशी नागरिकों को डरा कर वसूली करते 3 युवतियों समेत 11 गिरफ्तार

उदयपुर पुलिस ने क्षेत्र के एक कॉम्प्लेक्स में देर रात छापा मारकर तीन युवतियों समेत 11 जनों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर में अमेरिकी व अन्य विदेशी नागरिको के साथ ठगी का खेल खेला जा रहा था। मौके से पुलिस ने कुल 11 कम्प्युटर, मोनीटर, सीपीयु, की-बोर्ड, माउस, हैडफोन, एक सेट मोडेम व राउटर जब्त किया है।

उदयपुर एसपी मनोज कुमार ने बताया कि सोमवार-मंगलवार की देर रात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनंत कुमार के पर्यवेक्षण व सहायक पुलिस अधीक्षक गिर्वा ज्येष्ठा मैत्रेय के सुपरविजन एवँ थानाधिकारी गोवर्धनविलास चेल सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम ने मैन रोड सेक्टर 14 के अम्बर आर्बिट काॅम्पलेक्स में दबिश दी।जहां फर्जी काॅल सेेंटर चला कर अमेरीकी व अन्य विदेशी नागरिको के साथ ऑनलाईन ठगी की जा रही थी।

मौके से पुलिस ने फर्जी काॅल सेंटर का संचालन करने वाले तरूण मिश्रा पुत्र रजनीकान्त मिश्रा (33) निवासी थाना माउण्ड आबू जिला सिरोही के साथ मुम्बई निवासी विशाल पुत्र विजय मेकवीन (25), अयाज कुरेशी पुत्र ईकबाल कुरेशी (20), फैजान कुरेशी पुत्र फारूक कुरेशी (21), समीर भट्ट पुत्र रामचन्द्र भट्ट (25), ओस्टेन पुत्र निकंलेश क्रिष्चन (25), अब्दुल रहमान शेख पुत्र अब्दुल राव (21), आलिया खान पुत्री अशरफ खान (20) व तेजस्वीनी पुत्री बिकिन यशी (20) एवं नई दिल्ली निवासी केशव साण्डेलिया पुत्र राजेन्द्र कुमार शर्मा (28) तथा जिला उत्तर कन्नड़ (उत्तर कन्नाड़ा) निवासी अपर्णा देसाई पुत्री अशोक देसाई (21) को गिरफ्तार किया है।

गिरफतार किये गये सभी आरोपी हाईली एजुकेटेड है तथा अमेरिकन लहजे में फर्राटेदार इंग्लिश लहजे में बात कर सकते हैं। अमरीकी नागरिको से अमेरीकन टोन में बात कर अमेजन पर फर्जी बुकिंग से सम्बन्धित बातो को पुछ कर उनको डरा घमकाकर उनसे गुगल पे कार्ड प्राप्त कर ठगी का काम करते हैं।

जिस स्थान पर यह काॅल सेंटर संचालित किया हुआ है, वहां पर एक बडे हाॅल में सुसज्जित लकडी के फर्नीचर में अलग-अलग पार्टिशन बना कर कम्प्युटर पर इंटरनेट काॅलिंग के जरिये हेडफोन से बात किया करते है। इन्टरनेट काॅल के जरिये बात करने के दौरान एलसीडी स्क्रीन पर उनके बोलने की स्क्रिप्ट प्रदर्शित होती हैं, जिसे देखकर अमेरीकन टोन में फर्राटेंदार अंग्रेजी भाषा मे बात करते हैं।

जिनसे पूछताछ में इन लोगों द्वारा क्लाउडबेस डायलर से किसी भी अमरीकी नागरीक के व्हाईट पैजेज वैबसाईट पर उपलब्ध मोबाईल नम्बर पर काॅल करक टैक्नीकल सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से यह लोग उन लोगों से गुगल पे व कार्ड के माध्यम से भय दिखाकर चार्जेज उनकी वैबसाईट पर डालने के लिऐ कह कर उन लोगों से राशि जमा करवाते थे। रकम crypto currency के माध्यम से इनको मिल जाती थी।

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