सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद काण्ड पर सुनवाई के बाद बीजेपी नेताओं ने की बैठक

बाबरी मस्जिद काण्ड मामले में 13 बीजेपी नेताओं पर साजिश का केस चलाए जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने टॉप बीजेपी लीडर्स के साथ 2 घंटे मीटिंग की। मोदी के आवास पर हुई इस मीटिंग में अमित शाह, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे लीडर्स पर दिए गए SC के फैसले को लेकर मीटिंग में चर्चा हुई।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में चल रहे दो अलग-अलग मामलों को एक कर दिया जाए और रायबरेली में चल रहे मामले की सुनवाई भी लखनऊ में की जाए।  न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक सीनियर बीजेपी लीडर ने कहा, “इस मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें कश्मीर का मुद्दा अहम था।

ये अचानक बुलाई गई नहीं, बल्कि पहले से तय मीटिंग थी।हालांकि, माना जा रहा है कि इस मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के लीगल और पॉलिटिकल पहलुओं पर भी इस मीटिंग में चर्चा हुई, ताकि इससे निपटने का रास्ता खोजा जा सके।सोर्सेस के मुताबिक, “मीटिंग में कहा गया कि अब हम अपोजिशन में नहीं है। इसलिए एक लीडर और पॉलिटिकल पार्टी के तौर पर हमें और ज्यादा जिम्मेदारी दिखानी होगी।”

SC के ऑर्डर के बाद मुरली मनोहर जोशी ने आडवाणी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि फैसले को लेकर दोनों सीनियर लीडर्स के बीच चर्चा हुई। आडवाणी के आवास पर करीब 40 मिनट तक दोनों के बीच बातचीत हुई।बता दें कि आडवाणी और जोशी के नाम प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट के लिए चर्चा में हैं। SC के फैसले को दोनों लीडर्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

उमा भारती ने अपना अयोध्या दौरा रद्द कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान के कहने पर उमा ने ये कदम उठाया है।कुछ लीडर्स का कहना है पार्टी ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती है कि बाहर ये मैसेज जाए की यूपी की सत्ता में रहते हुए उसके नेताओं ने साजिश रचने की कोशिश की।इससे पहले फैसला आने के बाद उमा भारती ने कहा था कि वो गुरुवार को अयोध्या पहुंचेंगी। साथ ही रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगी

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की डिटेल्स की स्टडी करेगी। हम आडवाणी और जोशी जैसे लीडर्स का बहुत सम्मान करते हैं।VHP लीडर प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि सरकार को कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए और साथ ही ये मंदिर बनने का रास्ता निश्चित करना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चल सकता है।

साथ ही सामान्य हालात में केस की सुनवाई को टाली न जाए। जब तक सुनवाई पूरी न हो तब तक जज का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। केस जिस जगह पर थे, उसी जगह से शुरू होंगे।बेंच ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि गवाह गवाही के लिए हर तारीख में हाजिर हों। इनके अलावा ट्रायल कोर्ट को आज की तारीख से चार हफ्तों के अंदर सुनवाई शुरू करनी चाहिए।

दरअसल, दिसंबर, 1992 को दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। पहली अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ।इन पर मस्जिद को ढहाने का आरोप था। इसकी सुनवाई लखनऊ कोर्ट में हुई थी। वहीं दूसरी एफआईआर आडवाणी, जोशी और अन्य लोगों के खिलाफ थी। इन सभी पर मस्जिद ढहाने के लिए भड़काऊ स्पीच देने का आरोप था। यह केस राय बरेली के सेशन कोर्ट में चला था।

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