देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,68,063 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,58,75,790 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक इनमें 4,461 मामले ओमिक्रॉन वेरिएंट के भी हैं।
सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में 208 दिनों के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सर्वाधिक 8,21,446 दर्ज की गई जबकि 277 और मरीजों की मौत होने से कोविड-19 के मृतकों की संख्या 4,84,213 पर पहुंच गई है।
ओमीक्रोन के 4,461 मामलों में से 1,711 लोग अब तक स्वस्थ हो चुके हैं या विदेश लौट गए हैं।महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1,247 मामले सामने आए हैं। इसके बाद राजस्थान में 645, दिल्ली में 546, कर्नाटक में 479 और केरल में 350 मामले दर्ज किए गए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीज संक्रमण के कुल मामलों का 2.29 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 96.36 प्रतिशत हो गई है।पिछले 24 घंटों में कोविड का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 97,827 का इजाफा हुआ है।
मंत्रालय के मुताबिक दैनिक संक्रमण दर 10.65 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 8.85 प्रतिशत है।बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 3,45,70,131 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.35 प्रतिशत दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत देश में अब तक टीके की 152.89 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार, पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी।जिन 277 मरीजों की पिछले 24 घंटे में मौत हुई है उनमें से 166 केरल से और 17 दिल्ली से थे।
देश में कोविड-19 के कारण अब तक हुई कुल 4,84,213 मौतों में से सर्वाधिक 1,41,647 मरीज महाराष्ट्र से, 49,757 केरल से हैं। इसके बाद कर्नाटक से 38,374, तमिलनाडु से 36,866, दिल्ली से 25,177, उत्तर प्रदेश से 22,932 और पश्चिम बंगाल से 19,917 की मौत हुई है।मंत्रालय के मुताबिक 70 प्रतिशत से अधिक मौतें रोगियों को अन्य गंभीर बीमारियां होने की वजह से हुई है।