आज भी भारत के साथ-साथ कई विकासशील देशों में बच्चों के मन में चाहे-अनचाहे ये बात डाली जाती है कि यदि उन्होंने ग्रेजुएशन नहीं किया तो कुछ नहीं किया। हालांकि आज जब 8वीं क्लास की एलिजिबिलिटी वाली नौकरी निकलती है तो उसके लिए हजारों ग्रेजुएट लाइन में लगे होते हैं। ऐसे में उस ग्रेजुएशन की डिग्री का क्या फायदा जो आपको नौकरी न दिला सकें।
यह बात दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कही।दिल्ली सरकार ने टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को आईटीआई जहाँगीरपुरी में स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्च र से लैस नए अकेडमिक ब्लॉक, शानदार कॉस्मेटोलोजी लैब व जैक्वार फाउंडेशन के कोलैबोरेशन से तैयार आधुनिक प्लंबिंग लैब का उद्घाटन किया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई जैसी संस्थानों से ट्रेनिंग लेकर निकलने वाले हुनरमंद छात्र भविष्य की नई इबारत लिखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा देश विकसित तभी बनेगा जब देश का हर युवा स्किल्ड हो, इसलिए डिग्री हासिल करने के साथ साथ युवाओं को हुनरमंद बनना होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आईटीआई के छात्र अपने स्किल्स की बदौलत बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरियां पा रहे है लेकिन अब ऐसा माहौल तैयार करने की जरुरत है जिससे वो केवल नौकरी करने वाले न बने रहे बल्कि नौकरी देने वाले भी बने और यदि नौकरी कर भी रहे हैं, तो इतने बेहतर ढंग से करे की उनके काम की वजह से सैकड़ों नई नौकरियां तैयार हो।
सिसोदिया ने कहा कि आईटीआई में मार्ट की जरूरतों के हिसाब से क्वालिटी लैब स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को विभिन्न फील्ड वर्क के लिए हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस मिल सके उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में प्रोफेशनल कोर्सेज पर फोकस किया जा रहा है, लेकिन आज भी भारत के साथ-साथ कई विकासशील देशों में बच्चों के मन में चाहे-अनचाहे ये बात डाली जाती है कि यदि उन्होंने ग्रेजुएशन नहीं किया तो कुछ नहीं किया।
उसके विपरीत विकसित देशों में टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया जाता है।उन्होंने कहा कि आज जब 8वीं क्लास की एलिजिबिलिटी की कोई नौकरी निकलती है तो उस नौकरी को पाने के लिए हजारों की संख्या में ग्रेजुएट बच्चे लाइन में लगे होते हैं। ऐसे में उस ग्रेजुएशन की डिग्री का क्या फायदा जो आपको नौकरी न दिला सकें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के बहुत से देशों में अब ये मानसिकता बदलने लगी है और उन्होंने शिक्षा को लेकर अपनी परम्परागत मान्यताओं से दूर जाना शुरू कर दिया है और टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया है। भारत में भी हमें इस सोच के साथ आगे बढ़ने की जरुरत है।
सिसोदिया ने कहा कि पिछले 4-5 सालों में ट्रेनिंग क्वालिटी को बेहतर कर उन्हें और अधिक ट्रेड ओरिएंटेड बनाने के लिए दिल्ली डीटीटीई ने क्राउन प्लाजा होटल, एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड, जैक्वार फाउंडेशन, सीमेंस, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, हुंडई मोटर, टीवीएस मोटर, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, क्वास्ट एलायंस जैसे प्रतिष्ठित इंडस्ट्री पार्टनरशिप के साथ एमओयू साइन किया है। इसका नतीजा है कि हमारे आईटीआई में पढ़ने वाले बच्चों को इन कंपनियों से शानदार ट्रेनिंग के साथ-साथ जॉब्स भी मिल रही है।