पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सरपंचों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात

कोरोना वायरस संकट को लेकर आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी देश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं. पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम की शुरूआत की. उन्होंने सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए किए गए कामों का विवरण दिया.

इसके बाद पीएम मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप लॉन्च किया.पीएम ने स्वामित्व योजना भी लॉन्च की.प्रधानमंत्री ने देशासियों को पंचायती राज दिवस की शुभकामना देते हुए संवाद की शुरुआत की. पीएम ने कहा कि आज कोरोना संकट की मदद से हमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करना पड़ रहा है.

पीएम ने पुरस्कार विजेता सरपंचों को बधाई दी. पीएम ने कहा कि कोरोना ने काम करने का तरीका बदल दिया है. पीएम ने कहा कि कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, अपना सबसे बड़ा सबक हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा.

गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बने, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने, अब ये बहुत आवश्यक हो गया है. एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं.

अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है. इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है. पीएम ने कहा कि गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए और गांव और शहरों को नजदीक लाने के लिए दो बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए गए.

पहला है ई-ग्रामस्वराज और दूसरा स्वामित्व योजना. इस पोर्टल और ऐप पर पंचायत के विकासकार्य की पूरी जानकारी उपलब्ध होंगी. इसके जरिए गांव का कोई भी नागरिक अपनी ग्राम पंचायत में क्या काम चल रहा है और काम कहां तक पहुंचा इसकी जानकारी अपने मोबाइलफोन पर पा सकेगा. इससे काम में पारदर्शिता आएगी.

पीएम ने कहा कि गांवों में संपत्ति को लेकर जो स्थिति रहती है उससे आप सब वाकिफ हैं. स्वामित्व योजना इसी को ठीक करने का एक प्रयास है. इस योजना के जरिए गांक के एक-एक सभी संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी. लोगों को उनकी संपत्ति का स्वामित्व दिया जाएगा.

इससे प्रॉपर्टी को लेकर जो भ्रम की स्थिति रहती है वो दूर होगी. इसके जरिए आप बैंकों से अपनी संपत्ति पर लोन भी ले सकेंगे. पीएम ने कहा कि इस योजना को पहले कुछ गांवों में लागू किया जाएगा. इसकी सफलता के बाद देश के सभी गांवों में लागू किया जाएगा.  

पीएम ने कहा कि इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं. गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाले हैं.

आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- दो गज दूरी का, या कहें दो गज देह की दूरी का. इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है. इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है.

पीएम ने कहा कि ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है. 

पीएम ने कहा कि आज हम कुछ लोगों से जुड़ेंगे और उनके कोरोना से जुड़े अनुभवों को जानेंगे. पीएम ने जम्मू कश्मीर के ब्लॉक नारवाह के सरपंच से बातचीत की. पीएम ने कहा कि कोरोना के सुझावों को जानना चाहता हूं.

खासकर शहर के लोगों से सबसे पहले हम जम्मू कश्मीर चलते हैं. कश्मीर के सरपंच ने पीएम को कोरोना से जुड़ा अपना अनुभव बताया इसके साथ ही उन्होंने कोरोना के खिलाफ पंचायत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया. 

इसके बाद पीएम ने कर्नाटक के चिक्कावालापुर से नवीन कुमार से बात की. नवीन ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में कोई कोरोना पीड़ित नहीं है. लेकिन हमने 14 लोगों को क्वारंटीन किया है. उन्हें घर पर ही जरूरी सामानों की पूर्ती की जा रही है.

आशा वर्कर्स के जरिए कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जा रही है. महाराष्ट्र के 170 से ज्यादा मजदूरों को एक पाठशाला में रखा गया है. फल और सब्जियों को बेचने के लिए किसानों के लिए एक बाजार की व्यवस्था की गई है जिससे उन्हें परेशानी न हो. हम बेंगलुरु से लाकर लोगों को दवाइयां उपलब्ध करा रहे हैं. 

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