कोरोना को लेकर देश में चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. दक्षिण पूर्व एशिया के कई हिस्सों कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं. कोरोना के बढ़ते खतरे और देश में चौथी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी बैठक बुलाई है. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर यह बैठक बुलाई थी. चीन में कोरोना के मामले एक बार फिर चरम पर हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुलाई गई यह बैठक डेढ़ घंटे तक चली. इसमें तय किया गया कि कोरोना को लेकर और ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है.
इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जिनोम सीक्वेंसिंग पर जोर दिया जाएगा. साथ ही कोरोना टेस्ट को भी गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं. संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए.बता दें कि चीन में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं.
चीन में कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामले ओमिक्रोन वैरिएंट के सब-वेरिएंट stealth के हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चीन ने कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है. लॉकडाउन का असर चीन की तकरीबन तीन करोड़ से ज्यादा आबादी पर देखने को मिल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना की चौथी लहर को लेकर चेतावनी दी है.
इस सब वैरिएंट को BA-2 का भी नाम दिया गया है. WHO की चेतावी में कहा गया है कि ये सब-वैरिएंट मूल वैरिएंट से अलग है. जिसे हल्के में लेना भूल साबित हो सकती है. इसे इसलिए भी चिंताजनक बताया जा रहा है क्योंकि इसे डिटेक्ट करने में दिक्कतें आ रही हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के चेताया है कि यह BA-2 वैरिएंट कोविड के मूल वैरिएंट से खतरनाक साबित हो सकता है.BA-2 वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में चक्कर आना और थकान प्रमुख लक्षण हैं. ये लक्षण संक्रमित होने के दो-तीन दिनों में दिखने लगते हैं. इसके अलावा बुखार आना, बहुत ज्यादा थकान, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में ऐंठन भी इसके लक्षण हो सकते हैं.