केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 25 हजार और जवान भेजने का फैसला किया है। सुबह से ही जवान घाटी में पहुंच रहे हैं, इसमें वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान की मदद ली जा रही है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एयरफोर्स और सेना को हाई ऑपरेशन अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं।
घाटी में इस हलचल के बीच कुछ बड़ा हाेने काे लेकर अटकलाें का बाजार गर्म हाे गया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दरगाहाें, मस्जिदाें और कुछ अदालताें से भी सुरक्षा हटाई गई है।
यहां तैनात जवानाें काे अपने जिलाें की पुलिस लाइन में रिपाेर्ट करने काे कहा गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात कुछ जवान भी दूसरी जगह भेजे जा रहे हैं।
राज्य में अमरनाथ यात्रा 4 अगस्त तक स्थगित है। सरकार ने खराब माैसम काे इसकी वजह बताया था। हालांकि, मौसम विभाग ने ऐसे किसी बड़े बदलाव का पूर्वानुमान नहीं लगाया है।
मोदी सरकार ने करीब हफ्तेभर पहले भी 10 हजार अतिरिक्त जवान घाटी में भेजे थे। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के बाद लिया गया था।
तब गृह मंत्रालय ने कहा था कि घाटी में आतंक विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने के लिए सुरक्षाबलों की कंपनियां तैनात की जा रही हैं।जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर से अनुच्छेद 35ए हटाने की अटकलों को खारिज किया था।
पिछले दिनों फारूक अब्दुल्ला समेत जम्मू-कश्मीर के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे। इससे पहले उन्होंने घाटी के मौजूदा हालात पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा की थी।