What is domain in Hindi:
वेबसाइट के एड्रेस को डोमेन नेम कहा जाता है जैसे- www.google.com , www.facebook.com, www.indiahallabol.com, या www.yourname.com ।
जैसे कि किसी मोबाइल की पहचान उसके नंबर से होती है उसी तरह किसी वेबसाइट की पहचान उसका वेब एड्रेस या डोमेन से होती है। सीधे शब्दों में कहे तो जैसे आपके घर का अड्रेस होता है वैसे ही आपकी वेबसाइट का बेब अड्रेस है। उसी को डोमेन कहते है।
उदाहरण के तौर पर google.com, indiahallabol.com ऐसे वेब अड्रेस हर वेबसाइट की पहचान होते है, आप यह समझ ले जिस तरह लिफाफे पर डाक का पता होना जरुरी है ठीक उसी तरह वेबसाइट के लिए डोमेन नेम होना जरुरी है । 2014 में, सक्रिय डोमेन की संख्या 271,000,000 थी,
इंटरनेट के शुरूआती दौर में आईपी एड्रेस 202.210.110.101 जैसा कुछ होता था लेकिन भविष्य की संभावनाओ को देखते हुए डोमेन नाम प्रणाली को बनाया गया क्योंकि आज के दौर में मौजूद करोड़ों वेबसाइटों का प्रबंधन करना बड़ी मुश्किल का काम है। अगर हर वेबसाइट को पहचानने की व्यवस्था न हो तो इंटरनेट की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती है। जब भी कोई वेबसाइट इंटरनेट पर रखी जाती है तो उसे एक आई. पी. एड्रेस दिया जाता है जो अंकों में होता है, जैसे- 202.210.110.101 जरा सोचिए कि अगर आपको बहुत सी वेबसाइटों के इस तरह के पते याद रखने पड़ें तो वह कितना मुश्किल होगा। इसी वजह से वेबसाइटों के लिए डोमेन नेम व्यवस्था लागू की गई है। यह डोमेन नेम उस वेबसाइट के आई. पी. एड्रेस का विकल्प है। जब हम अपने इंटरनेट ब्राउजर में किसी वेबसाइट का डोमेन नेम डालते हैं तो डोमेन नेम सर्वर पर उसे आई. पी. एड्रेस में परिवर्तित कर दिया जाता है और हम संबंधित वेबसाइट तक पहुंच जाते हैं। आई. पी. एड्रेस की तुलना में डोमेन नाम को याद रखना बहुत आसान है इसलिए यह व्यवस्था पहले के मुकाबले कंही सरल होती है।
डोमेन खरीदने में कितने रुपये लगते है ?
डोमेन खरीदने के लिए 1 साल के 100 रुपये से 700 रुपये तक की फीस हो सकती है।
डोमेन की अलग-अलग किस्म के लिए अलग-अलग डोमेन की कीमत है।
डोमेन नेम में डॉट या बिंदु (.) के आने वाले हिस्से को डोमेन एक्सटेंसन कहा जाता है।
अलग–अलग डोमेन एक्सटेंसन के लिए अलग-अलग कीमत ली जाती है जो डिमांड और सप्लाई के आधार पर बदलती रहती है , कभी-कभी .in डोमेन 85 और .com डोमेन 99 रुपये में भी उपलब्ध हो जाती है और कभी वह 500 से 700 रुपये तक पहुँच जाता है।
डोमेन कितने तरह के होते है?
डोमेन 2 तरह के होते है:- 1- Non-geographic domain 2- Geographic domain कोई भी URL Address किस तरह की वेबसाइट से सम्बंधित है ये उस वेबसाइट के URL के अंत में लगने वाले डोमेन नाम से समझा जा सकता है।
1 – Non-Geographic Domain
(i) .com – वेबसाइट Commercial है।
(ii) .edu – वेबसाइट educational है।
(iii) .mil – वेबसाइट military से सम्बंधित है।
(iv) .gov – वेबसाइट government है।
(v) .int – वेबसाइट international है।
(vi) .net- ये दूसरे नेटवर्क के लिए है।
2- Geographic Domain — Geographic domain से यह पता चलता है की हमारी वेबसाइट वर्ल्ड के किस हिस्से/ एरिया में access होती है।
(i) .in -> India के लिए
(ii) .au -> Australia के लिए
(iii) .ca -> Canada के लिए
(iv) .dk -> Denmark के लिए
(v) .gr -> Greece के लिए
(vi) .fr -> France के लिए
(vii) .jp -> Japan के लिए
(viii) .us -> United States के लिए
सबसे ज्यादा मशहूर एक्सटेंसन .com है, जिसके नाम पर पूरे वेब जगत को ही ‘डॉट कॉम’ कह दिया जाता है। तीन और प्रमुख डोमेन एक्सटेंसन हैं- .net, .org और .info इन तीनो डोमेन को टॉप लेवल डोमेन या ‘टीएलडी’ (TLD) भी कहा जाता हैं। आपकी वेबसाइट के लिए yoursite.com या yoursite.in डोमेन नेम लेना है । यह आपको ही पसंद करना है। डोमेन एक्सटेंसन बदलने से आपकी वेबसाइट पर कोई खास असर नहीं पड़ता है।
वेबसाइट के लिए कितना बड़ा डोमेन रख सकते है ?
अपनी वेबसाइट के लिए आप अग्रेजी के 63 अक्षर की सीमा के अंदर रहते हुए चाहे जैसा डोमेन नेम ले सकते है, लेकिन यह ध्यान रहे उस पर कोई क़ानूनी शिकायत या रुकावट न हो।
क्या डोमेन नाम खरीदने के बाद हमारी वेबसाइट इन्टरनेट पर दिखाई देने लगेगी ?
डोमेन खरीदने पर आपकी वेबसाइट इन्टरनेट पर नहीं दिखाई देगी डोमेन खरीदने के बाद यह आपकी पहली सीढी होगी अभी तो आपको वेबसाइट बनानी होगी और उसे इन्टरनेट पर रखने के लिए स्पेश (जगह) भी खरीदनी होगी।
वेबसाइट बनाने के लिए हमें डोमेन कहा रजिस्टर करनी होगी ?
पूरी दुनिया में डोमेन नेम की व्यवस्था का संचालन ICANN (इन्टरनेट ऑर्गनाइजेशन ऑफ असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स नामक संस्था करती है।
उसने डोमेन नेम रजिस्ट्रेशन के लिए कई कंपनियों को ऑथराइज किया हुआ है । जिन्हें डोमेन रजिस्ट्रार कहा जाता है । आप अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन इनके मार्फत या उनके रिसेलर्स के जरिए अपना डोमेन रजिस्टर करवा सकते है।
वेबसाइट के लिए डोमेन कहाँ-कहाँ रजिस्टर कर सकते हैं ?
आप डोमेन निम्नलिखित मे से किसी भी वेबसाइट पर जाकर डोमेन रजिस्टर करा सकते है।
networksolutions.com , net4.in , bigrock.in , in.godaddy.com , registry.in , siliconhouse.net , enom.com , namecheap.com , domains.org , economicalhost.com इत्यादी है । जहाँ पर आप अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन बुक करा सकते है।
भारत में मशहूर कुछ चुनिंदा वेबसाइट पर डोमेन रजिस्ट्रेशन की मौजूदा कीमत रुपये में-
डोमेन एक्सटेंशन | In.godaddy.com | Bigrock.in | Net4.in |
.com | 199 रुपये | 639 रुपये | 639 रुपये |
.in | 99 रुपये | 229 रुपये | 199 रुपये |
.org | 249 रुपये | 249 रुपये | 359 रुपये |
.net | 499 रुपये | 299 रुपये | 699 रुपये |
.info | 299 रुपये | 599 रुपये | 799 रुपये |
नोट:- किसी नई या छोटी वेबसाइट पर डोमेन रजिस्टर करने की बजाय किसी बड़ी और पुरानी कम्पनी के जरिये डोमेन रजिस्टर करवाएं,चाहे बड़ी कम्पनी पर रजिस्ट्रेशन थोड़ा महगा क्यों न पड़े क्योकि कभी-कभी छोटी कंपनियां बंद हो जाती है, और उनसे जुड़े लोंग बीच में ही फस जाते है।
क्या मुफ्त में डोमेन नेम रजिस्टर कर सकते है ?
अगर आपके लिए आपकी वेबसाइट का डोमेन एक्सटेंशन कोई खास मायने नहीं रखता है, यो आप फ्री में डोमेन नेम ले सकते है।
फ्री में डोमेन रजिस्टर करने के लिए आप निम्नलिखित वेबसाइटो पर जाकर मुफ्त में डोमेन रजिस्टर कर सकते है।
www.co.cc (co.cc)
www.freedomain.co.nr (.co.nr)
www.freedomains.sriz.tk (.tk)
डोमेन रजिस्टर करने के लिए नाम कैसे खोजे ?
डोमेन नेम रजिस्टर करने वाली लगभग सभी कंपनी अपनी वेबसाइट पर एक सर्च बार रखती है। जिसका इस्तेमाल कर हम अपने पसंदीदा डोमेन को आसानी से देख सकते है अगर आपका पसंदीदा डोमेन डोमेन पहले से किसी और ने ले लिया है।
फिर भी न मिले आपका पसंदीदा नाम तो क्या करे ?
अगर आपकी वेबसाइट के लिए डोमेन yoursite.com नहीं मिला तो आप yoursite.in का चुनाव कर सकते है।
उपाय 1:- डोमेन का चुनाव कुछ इस तरह से रखे .com, .in, .org, .net, .info, .co.in
उपाय 2:- अगर डोमेन फ्हिर भी नहीं मिल रहा है, तो स्पेलिंग में थोड़ा सा बदलाव कर ले। कोई अतिरिक्त अक्षर जोड़ दे । जैसे :- indDiahallabol.com या googleE.com
उपाय 3:- उस व्यक्ति से संपर्क करे, जिसने आपका पसंदीदा नाम बुक कर रखा है। हो सकता है कि वह कुछ रुपये लेकर नाम आपको देने को राजी हो जाये।
उपाय 4:- किसी भी वेबसाइट पर उपलव्ध डोमेन बैकआर्डर सेवा का इस्तेमाल करे-
ये वेबसाइटे आपका पसंदीदा डोमेन नेम एक्सपायर होते ही इसे आपकी तरफ से बुक करवा लेती है और इसके लिये एक तय फीस लेती है।
किसने लिया मेरा पसंदीदा डोमेन
अगर आपका पसंदीदा डोमेन नेम किसी और ने रजिस्टर करवा लिया है तो उस व्यक्ति तक पहुचना अब नामुमकिन नहीं है। नीचे कुछ टूल दिए गए है। जिनके जरिये आप डोमेन रजिस्टर करने वाले का नाम पता, ईमेल अड्रेस, फोन नंबर, डोमेन रजिस्टर करवाने कि तारीख डोमेन एक्सपायर होंने कि तारीख आदि का पता लगा सकते है।
कैसा रखे अपना डोमेन नेम ?
डोमेन नेम जितना छोटा हो उतना ही अच्छा रहता है।
जितना लंबा नाम होगा लोगो को उसे याद रखने में उतनी ही दिक्कते होगी।
छोटा नाम याद तो रहता ही है और टायपिंग में कोई गडबड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहती । जैसे:- indiahallabolinhindi.com लबे डोमेन नेम को टाइप करना मुश्किल होगा, छोटा डोमेन नेम जैसे indiahallabol.com आप इससे भी छोटा डोमेन नेम रख सकते है।
डोमेन के लिए डॉट कॉम बेहतर या डॉट इन
आम तौर पर वेबसाइट के लिए .com बेहतर है,क्योकि जब कोई वेबसाइट के नाम की कल्पना करता है। तो सबसे पहले .com ही मन में आता है।
.com ही पूरी दुनिया का मशहूर डोमेन है । और डोमेन नेम की रिसेल बाजार में इन्ही नामो की सबसे ज्यादा कीमत भी मानी जाती है। जहाँ तक मुमकिन हो, कारोबारी लोगो को भी इसी एक्सटेंशन वाला डोमेन लेना चाहिए।
स्कूल, कालेज संस्थानों को .edu या .org गैर सरकारी संस्थानों को .org एक्सटेशन की प्राथमिकता देनी चाहिए।
भारतीय कंपनियों के बीच .in एक्सटेंशन .com एक्सटेंशन के बाद दूसरी सबसे बड़ी पसंद है।
अब आपको ही चुनना है की अपनी वेबसाइट के लिए डॉट कॉम एक्सटेंशन ले या डॉट इन ।
मेरा पसंदीदा डोमेन नहीं मिल रहा है क्या मै डोमेन में अंको का इस्तेमाल करू ?
डोमेन नेम में अंको, हाइफन आदि के इस्तेमाल से बचे। ऐसे नाम याद रखना मुश्किल होता है, टाइपिंग मुश्किल होती है, और वे देखने पढ़ने में भी अटपटे लगते है।