What happens to Facebook, Twitter, Google accounts after you die? यह बात सच है कि एक दिन सबको मरना है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि मरने के बाद आपके फेसबुक अकाउंट का क्या होगा? क्या आपने कभी इसकी कल्पना की है?
अगर आपने अभी तक नहीं सोचा है तो हम आपको यही जानकारी देने जा रहे हैं कि किसी व्यक्ति के इस दुनिया से चले जाने के बाद इंटरनेट की दुनिया में उस व्यक्ति की वर्चुअल लाइफ का क्या होगा।
आपके मरने के बाद आपके सोशल साइट्स के अकाउंट्स का एक्सेस कोई भी नहीं कर सकता। इसको लेकर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं कि क्या आपके पति या आपकी पत्नी को आपकी मौत के बाद आपके सोशल मीडिया अकाउंट में एक्सेस होना चाहिए? क्या किसी बच्चे की मौत के बाद बाद उसके पैरेंट्स को उसके अकाउंट में ऑटोमेटिक लॉग इन मिलना चाहिए या नहीं ?
आज हम आपको बताएंगे कि फेसबुक. ट्विटर और गूगल जैसी बड़ी सोशल मीडिया साइट्स की ‘आफ्टर डेथ पॉलिसीज़‘ क्या हैं. कुछ देशों में तो सोशल साइट्स पर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके करीबी को अपने आप अकाउंट एक्सेस देने के बाकायदा कानून लाने की बात कही जा रही है।
फेसबुक (Facebook)
फेसबुक ने इसके लिए ‘legacy contract’ फीचर दिया है। इस फीचर के जरिए आप विरासत के तौर पर अपना फेसबुक अकाउंट अपने परिवार के सदस्य या किसी दोस्त को सौंप सकते हैं। आपके द्वारा चयनित व्यक्ति आपके बाद भी फेसबुक पेज को नियंत्रित कर सकता है।लेगेसी कॉन्टेक्ट फीचर के जरिए वह व्यक्ति प्रोफाइल पिक्चर, कवर फोटो अपडेट, दोस्तों की फ्रेंड रिक्वेस्ट का जवाब देने भर काम कर सकता है। लेकिन आपके प्राइवेट मैसेज को नहीं पढ़ पाएगा। इस फीचर की शुरुआत अमेरिकी यूजर्स के लिए हो चुकी है।
अगर आपके ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो फेसबुक आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद करने का भी विकल्प दे रहा है।फेसबुक ने इस नए फीचर के नियमों को काफी सख्त रखा है। यूजर्स ‘legacy contact’ के जरिए किसी एक को ही अकाउंट का वारिस बना सकता है। अगर किसी परिस्थिति में दोनों व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है तो फिर यह सर्विस काम नहीं करेगी। फिलहाल यह फीचर अभी भारतीय यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं है।
ट्विटर (twitter)
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद अगर उससे जुड़ा कोई व्यक्ति ट्विटर को इसकी जानकारी देता है तो ट्विटर उस अकाउंट को डिएक्टिवेट कर देता है। इसके मृत व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है क्योंकि बहुत से ट्विटर अपने असली नाम से नहीं होते हैं।
इसके अलावा कंपनी मरने वाले व्यक्ति से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगता है. जानकारी देने के तीस दिन बाद ट्विटर उस अकाउंट को पर्मानेंटली डिएक्टिवेट कर देता है। इसके अलावा ट्विटर एपलीकेशन देने वाले व्यक्ति की इच्छानुसार मरने वाले व्यक्ति के फोटोज़ भी हटा देता है।
जी मेल (Gmail)
जी मेल और गूगल प्लस जैसी सर्विस देने वाली कंपनी गूगल “inactive account manager” नाम का टूल उपलब्ध करवाती है जिसकी मदद से आप यह मैनेज कर सकते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट का क्या हो।
यहां आप एक टाइम लिमिट (6 महीने या 12 महीने) तय कर सकते हैं जिसके बाद आपके के अकाउंट का सारा डाटा ऑटोमेटिक्ली डिलीट कर दिया जाएगा।
इसके अलावा आप किसी व्यक्ति को नॉमिनेट भी कर सकते हैं जिसे आपके सारे मेल मिलते रहेंगे। इस सर्विस की मदद से आप केवल जीमेल ही गूगल की किसा भी सेवा को कवर कर सकते हैं।
इस लिंक पर जाकर आप अपने अकाउंट की सेटिंग मैनेज कर सकते हैं- Google Inactive Account Manager