धार्मिक दृष्टि में प्रेम-विवाह की असफलता के कई कारण होते हैं। प्रथम तो प्रेम विवाह करने वालों में कम ही ऐसे लोग हैं जिन्हें माता-पिता का आर्शीवाद प्राप्त होता है। अपने बुजुर्गो का आर्शीवाद बहुत महत्व रखता है।
प्रेम विवाह में यह भी कोई निश्चित नहीं है कि वर और कन्या दोनों सुजातीय हों। खून बेमेल होने की वजह से भी पति-पत्नी के बीच आपस में कम बनती है। प्रेम विवाह में न तो देवी-देवताओं का पूजन होता है न ग्रह शान्ति का हवन पूजन होता है। वास्तु देवता का भी पूजन नहीं होता जिस कारण वर-वधू पर देवताओ की कृपा नहीं होती। ऐसे अनेक धार्मिक कारण हैं जिनके कारण अक्सर असफल हो जाते है।
इंडिया हल्ला बोल