जैसे धुऐं के पीछे से सूरज का चमकना,
घने बादलों के पीछे से चाँद का खिलना,
पंखुडियाँ खोलकर कमल का खिलखिलाना,
वैसे घूँघट की आड से तेरा लाजवाब मुस्कुराना।
जैसे धुऐं के पीछे से सूरज का चमकना,
घने बादलों के पीछे से चाँद का खिलना,
पंखुडियाँ खोलकर कमल का खिलखिलाना,
वैसे घूँघट की आड से तेरा लाजवाब मुस्कुराना।