Ab Bolega India!

दिल को चुबते

दिल को चुभते हुए मौसम भी भा गए हैं,
जब से आप फिर मेरे नज़दीक आ गए हैं,

मौसमे बहार से मैंने कर लिया है किनारा,
जबसे फूल ही फूल मेरे दिल में छा गए हैं.

मेरी आँखों में उभर आये हैं मंज़र कितने,
क्या फिर वही पुराने दिन बापस आ गए हैं.

इस क़द्र वफ़ा की उम्मीद हम से न पालो,
मस्त आँखों से पीकर हम डगमगा गए हैं..

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