दुनिया में ईमान नहीं है
फिर भी तू हैरान नहीं है..
तू जो बेईमान नहीं है
कोई बेईमान नहीं है..
तुमको मैं पहचान रहा हूँ
तुमसे बस पहचान नहीं है..
कैसे कह दूं तुमसे मिलकर
धरती पर इंसान नहीं है..
तेरा हक़ तुझको देते हैं
ये उनका अहसान नहीं है..
उसके आगे क्यों रोऊँ मैं
वो कोई भगवान नहीं है..
जिससे दीया बुझ जाएगा
ऐसा भी तूफ़ान नहीं है।