बरसो की चाहत IHB Desk 9 years ago बरसो की चाहत को बदलते देखा, चाहने वालो को मुकरते देखा, कैसे सजाऐं फकीरा मुहब्बत का जहाँ, हर सपने को टुट के बिखरते देखा…