Ab Bolega India!

बरसो की चाहत

बरसो की चाहत को बदलते देखा,

चाहने वालो को मुकरते देखा,

कैसे सजाऐं फकीरा मुहब्बत का जहाँ,

हर सपने को टुट के बिखरते देखा…

Exit mobile version