रात आती है तेरी याद चली आती है
किस शहर से तेरी आवाज चली आती है
चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है
दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें
मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है
हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में
आईना देखकर अब रात कटी जाती है