आजमा कर देखिए हर शख्स को दुनिया में
वो पहले वफा दिखाते हैं, फिर दगा करते हैं
वफा करते हैं ताकि ऐतबार वो पा ले आपका
फिर बेवफाई का फर्ज वो अदा करते हैं
वो अपना काम निकालते हैं कुछ इस हुनर से
कि आप धोखे खाकर भी उनसे मिला करते हैं
आपकी जान कब वो लेगा, ये खबर नहीं आपको
और आप उनकी सलामती की दुआ करते हैं
एक दिन दिल तोड़ता है वो शख्स मुस्कुराकर
रो-रो के तब खुद ही से आप गिला करते हैं
होता है तज़रबा ऐसा कि दुनिया की राह पे
आदमी से बच-बच कर आप चला करते हैं
परायों को तो खैर आप दुश्मन समझते ही हैं
अपनों से भी डर-डर कर रहा करते हैं
कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं