बंता सिंह छत की पाँचवीं मंजिल पर खडे थे। उन्हें लगा कि उनका दोस्त हजारा सिंह दूर से आ रहा है।उन्होंने आवाज लगाई ‘हजारा सिंह इत्थे आ
हजारा सिंह के कान पर जूँ भी न रेंगी। तभी संता सिंह आ गया उसने कहा ‘ले पहले दूरबीन से तो देख किवो हजारा सिंह है या नहीं
बंता सिंह ने दूरबीन से देखा तो वो हजारा सिंह ही था और था उनकी ऑंख के बिल्कुल नजदीक। वे दूरबीनको हजारा सिंह के कान पर फोकस करके धीरे से फुसफुसाए ‘हजारा सिंह इत्थे आ।