थप्पड़ और निंदा!

संता ने बंता को थप्पड़ मार दिया।
बंता ने तुरंत कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।

संता ने बंता को फिर थप्पड़ मारा।
बंता ने और कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
बंता ने और कड़े शब्दों में इसकी निंदा की और इन हरकतों से बाज आने की चेतावनी जारी कर दिया।

संता ने बंता को फिर थप्पड़ मारा।
बंता ने इसे निंदनीय कृत्य निरूपित किया और कहा कि यह हमला संता के हताशा का परिचायक है।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता ने अपने चारों ओर सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश जारी कर दिया, और दो टूक शब्दों में संता को बता दिया कि यह हमला कायराना हरकत है।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता ने फौरन मीटिंग बुला कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी कर दिया और संता को उचित समय पर कार्यवाही की चेतावनी दी।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता अपने सुरक्षा कर्मियों को संता के घर के चारों तरफ तैनात की हमले के लिए तैयार रहने का निर्देश देता है।

संता माहौल को भांप कर बंता को शांति वार्ता के लिए नियंत्रण देता है।

अगले दिन बंता संता की बीवी के लिए सूट का कपड़ा, शाल तथा बच्चों के लिए मिठाई लेकर शांतिवार्ता के लिए पहुंच जाता है, वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न होती है।

बंता सीना फुलाकर वापस आ जाता है।

अगले दिन बंता को फिर थप्पड़ पड़ता है और मेरे पास घटना का वर्णन करने के लिए शब्द खत्म हो गये, लेकिन सिलसिला जारी है।

Check Also

पैगाम-ए-मोहब्बत!

मेरी प्यारी बेगम, सवाल कुछ भी हो, जवाब तुम ही हो। रास्ता कोई भी हो, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *