समझदारी का फैंसला!

एक गाँव में एक बूढ़ा बुजुर्ग अकेला रहता था। उसने अपने जीवन में शादी ही नहीं की थी। एक बार किसी युवक ने उस बुजुर्ग से पूछा, “बाबा आपने जीवन भर शादी क्यों नहीं की?”

बुजुर्ग थोड़ा मुस्कुराया और बोला, “बेटा यह मेरी जवानी की बात है, एक बार मैं एक पार्टी में गया था, वहाँ अनजाने में मेरा पैर आगे खडी एक खूबसूरत युवती के लटकते पल्लू पर पड़ गया। वो सांप की तरह फुफकार मारकर एकदम पीछे पल्टी और शेर की तरह दहाडी, ‘ब्लडी हैल, अंधे हो क्या?”

युवक: फिर क्या हुआ?

बुजुर्ग: मैं हकलाकर माफी मांगने लगा। फिर उसकी नजर मेरे चेहरे पर पडी और वो बडे़ ही मधुर स्वर में बोली, ‘ओह माफ कीजिये, मैंने समझा मेरे पति हैं।’ बस जनाब उस दिन के बाद से आज तक मेरा शादी करने का कभी हौंसला ही नहीं हुआ।”

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