यमराज और भगवान

यमराज : यमलोक के दरवाजे पर दस्तक हुई तो यमराज ने जाकर दरवाजा खोला। उन्होंने बाहर झांका तो एक मानव को सामने खड़ा पाया। यमराज ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि वह एकाएक गायब हो गया। यमराज चौंके और फिर फाटक बंद कर लिया। तकाल फिर दस्तक हुई। उन्होंने फिर दरवाजा खोला। उसी मानव को फिर सामने मौजूद पाया, लेकिन वह आया और फिर गायब हो गया। ऐसा तीन-चार बार हुआ तो यमराज धीरज खो बैठे और अबकी बार उसे पकड़ ही लिया। उन्होंने पूछा, ‘क्या बात है भाई, क्या ये आना-जाना लगा रखा है। मुझसे पंगा ले रहे हो?’

मानव ने जवाब दिया, ‘अरे नहीं महाराज, दरअसल मैं वैंटीलेटर पर हूं!’
***
भगवान : एक भक्त की तपस्या से खुश होकर भगवान उसे दर्शन देते हैं।

भक्त – भगवन क्या मैं जान सकता हूं कि ऊपर स्वर्ग में एक रुपया कितने मूल्य का होता है?

भगवान – धरती के 10 करोड़ रुपए के बराबर।

भक्त – और भगवन एक मिनट स्वर्ग में कितना होता है?

भगवान – वह भी धरती की अपेक्षा 10 करोड़ मिनट के बराबर। मगर तुम अपना वर मांगो। अभी तुम्हारे स्वर्ग सिधारने का वक्त नहीं आया है?

भक्त – मुझे स्वर्ग का एक रुपया दे दीजिए प्रभु।

भगवान – रुको, एक मिनट में देता हूं।

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