इतनी सारी साड़ियां

कमलेश (मित्र श्याम से ) – यार मेरी पत्नी तो एकदम पागल है | हमेशा साड़ियों की ही फरमाइश करती रहती हैं | परसों एक साड़ी लाने को कह रही थी | आज सुबह फिर एक साड़ी मांग रही थी |

श्याम – अजीब बात हैं | वह इतनी साड़ियों का करती क्या हैं ?

कमलेश – पता नहीं | मैंने कभी साड़ी लाकर तो दी नहीं | पूछता हूं मैं।

Check Also

पैगाम-ए-मोहब्बत!

मेरी प्यारी बेगम, सवाल कुछ भी हो, जवाब तुम ही हो। रास्ता कोई भी हो, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *