बिना फोन के दुनियावालो …

कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म हो जाता है तो इतना परेशान हो जाते हैं मानों जैसे सुबह तक वो इन्सान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात करनी थी।

कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2 फीसदी बची हो तो चार्जर की तरफ ऐसे भागते है जैसे उससे कह रहे हो “तुझे कुछ नहीं होगा भाई ! आँखें बंद मत करना, मैं हूँ न सब ठीक हो जायेगा।”

कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैसे आईएसआई की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में ही पड़ी हो।

कुछ लोग जब आपसे बात कर रहे होते हैं तो बार बार अपने फ़ोन को जेब से निकालते हैं, लॉक खोलते हैं और वापस लॉक कर देते हैं! वास्तव में वे कुछ देखते नहीं हैं, बस ये जताते हैं कि वो जाना चाहते हैं।

गलती से फ़ोन किसी दूसरे दोस्त के यहाँ छुट जाए तो ऐसा महसूस होता है जैसे अपनी भोली-भाली गर्लफ्रेंड को किसी और के पास छोड़ आये हो।

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