कल शाम पत्नी सजधज कर अपने पति का इंतज़ार कर रही थी। पति रोज़ के समय से देरी से घर लौटा और बिना पत्नी को तवज्जो दिए उखड़े मन से पत्नी को खाना लगाने के लिए कहा। खाना खाकर रोज़ की तरह वह टीवी देखने के बजाय सीधे बेड पर गया और सोने की कोशिश करने लगा। थोड़ी देर बाद पत्नी भी उसके पास पहुंची और उसे गहरी सोच में डूबा देखकर उससे कुछ न बोली।
दोनों पति-पत्नी एक दूसरे की तरफ पीठ करके सोने की कोशिश करने लगे लेकिन दोनों ही कुछ सोच रहे थे। पत्नी सोच रही थी कि इन्हें आजकल हो क्या गया है? ये मुझ पर ध्यान ही नहीं देते। कहीं ये बाहर किसी दूसरी की चक्कर में तो नहीं? क्या अब मैं पहले की तरह सुंदर नहीं रही? या फिर मेरे चेहरे की झुर्रियों को इन्होंने भांप लिया है। क्या करूं मैं? आजतक देखा तो नहीं इन्हें किसी से फोन पर बतियाते लेकिन..। कहीं इनके ऑफिस में तो कोई लड़की…कल मेरी बेस्टफ्रेंड शीला से इस बारे में राय लूंगी, वह जरूर कोई न कोई तरीका बताएगी।
दूसरी तरफ पति को भी नींद नहीं आ रही थी और उसे एक बात लगातार परेशान किए जा रही थी। वह सोच रहा था – यार विराट चल क्यों नहीं रहा है? और ईशांत, सात विकेट उसने क्या लिए, अब वह इसकी सात महीने तक खाएगा!