surya mudra for weight loss: व्यक्ति के मन में यह डर बना रहता है कि बढ़ता मोटापा उसकी खूबसूरती पर धब्बा न बन जाए। इस मोटापे से छुटकारा पाने के लिए वह किसी न किसी जुगाड़ में लगे रहते हैं। कोई सुबह-सुबह पार्क में दौड़ लगाता नजर आता है, तो कोई जिम में कसरत करता, लेकिन मोटापा है कि जाने का नाम नहीं लेता। ऐसे में मोटापे के साथ कई और बीमारियां भी शरीर से दोस्ती कर लेती हैं। यही नहीं, अपने मोटापे को दूसरों की नजर से बचाने के लिए अपने साइज से बड़ा साइज खरीदना लोग पसंद करते हैं। लेकिन यह सब कोई स्थायी उपाय नहीं है।
‘योग कोई धर्म नहीं है। यह एक विज्ञान है, अच्छा बनने का विज्ञान, ताज़गी का विज्ञान, शरीर को एक करने का विज्ञान, दिमाग और आत्मा को शांत रखने का विज्ञान।’ वजन घटाने के लिए योग को सबसे कारगर और सरल तरीका माना जाता है। योग को लेकर सबसे बढि़या बात यह है कि इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। योग किसी भी उम्र वर्ग के लिए खासा लाभदायक है। गर्भवती महिलाओं को भी कुछ विशेष सावधानियों के साथ योग करने की सलाह दी जाती है।
ज्ञात हो कि तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। लेकिन योग के आसनों के जरिये इससे निजात पाया जा सकता है। वजन घटाने और फिट रहने के लिए योग काफी कारगर है और इससे तनाव का स्तर घटने के साथ व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। नीचे योग के कुछ आसनों के बारे में जिक्र किया गया है, जिसको निरंतर करने से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है।
योगासन को शरीर के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है। योगासन की ही तरह रोजाना कुछ देर योग मुद्रा लगाकर बैठना भी बहुत फायदेमंद है।वैसे तो योग मुद्रा कई तरह की होती है लेकिन सूर्य मुद्रा लगाने के अनेक फायदे हैं। सूर्य की अंगुली यानी अनामिका,जिसे रिंग फिंगर भी कहते हैं, का संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से है। सूर्य, ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रति-निधित्व करता है और यूरेनस कामुकता, अंतज्र्ञान और बदलाव का प्रतीक है।
सूर्य-मुद्रा बनाने की विधि :-
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सूर्य की अंगुली को हथेली की ओर मोड़कर उसे अंगूठे से दबाएं। बाकी बची तीनों अंगुलियों को सीधा रखें। इसे सूर्य मुद्रा कहते हैं।अपने हाथ की अनामिका उंगली को अंगूठे की जड़ में लगा लें तथा बाकी बची हुई उंगलियों को बिल्कुल सीधी रहने दें। इस तरह बनाने से सूर्यमुद्रा बनती है।सूर्य मुद्रा को लगभग 8 मिनट तक करना चाहिए इसको ज्यादा देर तक करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। सर्दियों में सूर्य मुद्रा को ज्यादा से ज्यादा 24 मिनट तक किया जा सकता है।
सिद्धासन,पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ | दोनों हाँथ घुटनों पर रख लें हथेलियाँ उपर की तरफ रहें | अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) को मोडकर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें | बाकि की तीनों अंगुली सीधी रखें |
जाने इसके लाभ :-
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इस मुद्रा से वजन कम होता है और शरीर संतुलित रहता है।मोटापा कम करने के लिए आप इसका प्रयोग नित्य-प्रति करे ये बिना पेसे की दवा है हाँ जादू की अपेक्षा न करे .इस मुद्रा का रोज दो बार 5 से 15 मिनट तक अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है।वजन कम करने के लिए यह असान क्रिया चमत्कारी रूप से कारगर पाई गई है।सूर्य मुद्रा के अभ्यास से मोटापा दूर होता है | शरीर की सूजन दूर करने में भी यह मुद्रा लाभकारी है |जिन स्त्रियों के बच्चा होने के बाद शरीर में मोटापा बढ़ जाता है वे अगर इस मुद्रा का नियमितअभ्यास करें तो उनका शरीर बिल्कुल पहले जैसा हो जाता है।
सूर्य मुद्रा को रोजाना करने से पूरे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और गर्मी पैदा होती है।तथा सूर्य मुद्रा को करने से शरीर में ताकत पैदा होती है।कमजोर शरीर वाले व्यक्तियों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए। वर्ना और कमजोरी आएगी .हाँ जिनको अपना शरीर स्लिम रखना है वो कर सकते है .इसे नियमित करने से बेचैनी और चिंता कम होकर दिमाग शांत बना रहता है।यह जठराग्रि (भूख) को संतुलित करके पाचन संबंधी तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।
यह मुद्रा शरीर की सूजन मिटाकर उसे हल्का और चुस्त-दुरुस्त बनाती है।सूर्य मुद्रा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है अतः गर्मियों में मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी पी लेना चाहिए |प्रातः सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर इस मुद्रा को करना अधिक लाभदायक होता है | सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व कर सकते हैं |अनामिका अंगुली पृथ्वी एवं अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है , इन तत्वों के मिलन से शरीर में तुरंत उर्जा उत्पन्न हो जाती है |सूर्य मुद्रा के अभ्यास से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है |