यदि बॉस किसी युवा महिला इंटर्न को ख़ासा प्रोमोट करने लगे, ज़िम्मेदारी देने लगे, लेकिन उसके साथ डेटिंग भी करने लगे, तो आप क्या करेंगे?अगर आप कामकाजी हैं तो हो सकता है कि दफ़्तर में कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा हो। ये भी हो सकता है कि तलाक के बाद बॉस के ऐसे व्यवहार का असर आपके और अपके सहकर्मियों के कामकाज पर पड़ने लगे।जब बॉस युवा महिला इंटर्न की प्रोजेक्ट्स को अन्य कर्मचारियों की तुलना में ज़्यादा समय देने लगे, तो संभवत: अन्य कर्मचारी पेशेवर तौर पर उसके नज़रिए पर भी सवाल उठाएँ। लेकिन करना क्या चाहिए?
बीबीसी कैपिटल पर वर्क एथिक कॉलम दुनिया भर में दफ़्तरों में सामने आने वाली ऐसी समस्याओं और नैतिक सवालों पर रोशनी डालता है।बॉस को अपनी निजी ज़िंदगी अपनी इच्छानुसार जीने का हक़ है और कोई इस पर सवाल नहीं उठा सकता है।मामला उलझता तब है जब दफ़्तर में उसका ये व्यवहार माहौल पर बुरा असर डालने लगता है। एक तरह से ये पुअर च्वाइस जैसा मामला है।कई कंपनियों में तो सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के बीच संबंधों की इजाज़त नहीं होती है। ऐसे में बहुत संभव है कि बॉस नैतिक मापदंडों के उल्लंघन के साथ साथ कंपनी के नियमों का उल्लंघन भी कर रहा हो।
ये पूरी तरह संभव है और आम तौर पर बेहतर बॉस, अपने जूनियर कर्मचारियों की क्षमता को आंक लेते हैं और प्रतिभावान जूनियर को प्रमोट भी करते हैं ताकि उस युवा में पेशेवर क्षमता विकसित हो सके।जब ऐसा होता है तो टीम के दूसरे साथी शिकायत करते हैं कि उनकी अनदेखी की जा रही है।यह अकसर केवल शिकायत भर हो सकती है, अगर वाकई, युवा कर्मचारी प्रतिभाशाली हो और बॉस को कामकाज के अलावा उस जूनियर में कोई और दिलचस्पी न हो।लेकिन जिस स्थिति की पहले बात हुई है – यानी बॉस युवा इंटर्न के साथ डेटिंग भी कर रहा है – उस स्थिति का भी सामना सहजता से संभव है।
हो सकता है कि बॉस को ये अंदाजा न हो कि उसकी टीम उस ख़ास इंटर्न को प्रमोट किए जाने, प्राथमिकता देने की मंशा पर अटकलें लगाने लगी है।शायद उसे इसका एहसास भी नहीं हो कि वह इंटर्न उसे जितनी ‘ख़ास’ लगती है, उतनी टीम के और सदस्यों को वो ‘ख़ास’ नहीं लगती हो।उसे शायद ये भी मालूम ना हो कि उसके इस रवैए का दूरगामी असर होगा। ये संभव है कि वह उस इंटर्न से काफी लगाव महसूस करने लगा हो और उसे इसका एहसास भी नहीं हो कि वो कोई सीमा रेखा लांघ रहा है।
अगर आप उस टीम के वरिष्ठ सदस्य हों और आपके संबंध बॉस के साथ अच्छे हों तो आप उसे दफ़्तर के बाहर कॉफी पिलाने ले जाएँ।ये सुझाव है ‘वर्कप्लेस में रोमांस’ पर विस्तृत अध्ययन करने वाली अमरीकी मनोविज्ञानी न्यू हेवन यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफ़ेसर एमी निकोल सालवेग्गीओ का।एमी निकोल के मुताबिक अगर आप खुद सीनियर नहीं हों तो फिर किसी वरिष्ठ साथी को इस काम के लिए तैयार कीजिए।
एमी निकोल कॉफी पर होने वाली बातचीत के लिए भी सलाह देती हैं।वो बताती हैं कि बातचीत कुछ इस तरह शुरू होनी चाहिए, “हम आपके नए संबंध पर काफी खुश हैं। हम जानते हैं कि आप बहुत प्रोफ़ेशनल हैं और अपने काम में निजी भावनाओं को नहीं आने देते हैं। लेकिन कई बार, जो नज़र आता है, उसके आधार पर लोग धारणा बना लेते हैं। शायद उनका (बॉस की गर्लफ्रेंड का नाम) भी हित इसी में है कि किसी अन्य सुपरवाइजर / मैनेजर के नीचे काम करें।”
एमी के मुताबिक इस तरह से ध्यान दिलाए जाने का असर होगा। आप अपने बॉस को ये बताने में कामयाब रहेंगे कि कुछ समस्या है और वह भी शर्मिंदा नहीं होंगे।एमी अपने ईमेल में बताती हैं, “इस बातचीत से ये जरूर जाहिर हो जाएगा कि आप उन दोनों के करियर को लेकर चिंतित हैं – कि बॉस पक्षपाती मैनेजर न नज़र आएँ और उनकी गर्लफ्रैंड का करियर कम उम्र में ज़्यादा जिम्मेदारी के बोझ के नीचे न दब जाए।”एमी के मुताबिक आपको ये जाहिर नहीं करना चाहिए कि इस स्थिति से आप या आपके साथी प्रभावित हो रहे हैं। अगर बॉस उस इंर्टन को दूसरी टीम में डाल देता है तो ये सबके लिए बेहतर होगा।