बहुत लोग रोज़ बेल्ट लगाने के आदि होते हैं पर बेल्ट लगाने की इस आदत के कई नुक्सान भी हैं. टाइट बैल्ट लगाने से दिनभर पेट की नर्व्स दबी रहती हैं। ऐसा लंबे समय तक करने से पेल्विक रीजन से निकलने वाली आर्टरी, वेन्स, मसल्स और आंतों पर प्रेशर पड़ता है।
इसके कारण स्पर्म काउंट कम हो सकता है, जिससे पुरुषों की फर्टीलिटी घटने की आशंका बढ़ जाती है। एक रिसर्च द्वारा यह देखा गया है की टाइट बेल्ट बांधने से एब्डॉमिनल मसल्स के काम करने का तरीका बदल जाता है।
इस रिसर्च से सिर्फ ये ही नहीं बल्कि ये भी साबित हुआ है की अगर ज़्यादा देर तक कोई टाइट बेल्ट बाँध के रखे तो उसकी रीढ़ की हड्डी में अकड़न आ सकती है। टाइट बेल्ट के कारण डाइजेशन में भी दिक्कत आती है और एसिडिटी की प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं।
डाइजेशन ठीक से न होने की वजह से कब्ज़ कि दिक्कत होना भी संभव है। नर्वस के दबने के कारण पैर की हड्डिया कमज़ोर होने लगती हैं. यही नहीं , बैल्ट को टाइट बांधने से पैरों में स्वेलिंग भी आ सकती है।
बेल्ट को टाइट बांधने वाले लोगो को अकसर कमर के दर्द की भी प्रॉब्लम रहती है। इसलिए डाक्टर भी यही सलाह देते हैं की अगर जरवत ना हो तो बेल्ट न पहने , यदि पहनते हैं तो उसे ढीला ही बांधें।