सर्दी में गरम रहने के लिए इन मसालों का प्रयोग करो

सर्दी-जुकाम हो या खांसी की समस्या, अपच हो या पेट में परेशानी, सेहत संबंधी छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए दादी-नानी के नुस्‍खे आज भी कारगर हैं।ये सारे नुस्‍खे किचन में मौजूद मसालों में हैं। ये मसालें भोजन को स्वादिष्ट ही नहीं बनाते, बल्कि शरीर में गर्मी भी उत्पन्न करते हैं।जानिए, आपके किचन में ऐसे कौन से मसाले हैं जो सर्दी के मौसम में आपको गर्म रखने और जुकाम से दूर रखने में मददगार हो सकते हैं।

सर्दियों में अदरक वाली चाय पीने का अपना ही मजा होता है। स्वाद के साथ-साथ यह सेहत भी बढ़ाती है। अदरक इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, एलर्जी से लड़ने, कोलेस्ट्रॉल कम करने, पाचन-शक्ति बढ़ाने, मितली और सुबह की सुस्ती दूर करने तथा शरीर को उष्मा प्रदान करने का भी काम करती है। 

इसके सेवन से शरीर से पसीना निकलता है। पसीना निकलने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, क्योंकि स्वेद-ग्रंथियों से डर्मीसाइडिन नामक जीवाणुनाशक केमिकल निकलता है, जो सूक्ष्म जीवाणुओं तथा बैक्टीरिया से हमारे शरीर की रक्षा करता है।चाय या सूप में अदरक मिलाकर या विभिन्न पकवानों में इसका इस्तेमाल करके आप सर्दियों को मजेदार बना सकती हैं। पानी में अदरक का सत डालकर नहाना भी फायदेमंद रहेगा।

सुनहरे रंग के इस मसाले का स्वाद भले ही तीखा हो, लेकिन इसका औषधीय गुण अचूक है। एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण से परिपूर्ण हल्दी पाचन तंत्र तथा आंतों में सूजन रोकने में सहायक हैं। 

हल्दी से जोड़ों में सूजन पैदा करने वाले मूल तत्वों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसके अतिरिक्त, एक चुटकी हल्दी के रोजाना सेवन से शरीर में उष्मा बनी रहती है और प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है। इनके फलस्वरूप रक्त संचार में सुधार होता है। रात में गर्म दूध के साथ इसे लिया जा सकता है।

दालचीनी में सिनामल्डीहाइड नामक केमिकल पाया जाता है, जो रक्त प्रवाह को नियमित कर शरीर में सूजन कम करता है। इससे शरीर गर्म रहता है और तापमान में अत्यधिक गिरावट होने पर भी उचित रक्तचाप बना रहता है। 

इसमें शरीर के लिए आवश्यक सूक्ष्म जीवरोधी तेल पाया जाता है, जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि में कमी आती है। चुटकी भर दालचीनी से भी पेय पदार्थों और मिष्ठान्न का स्वाद काफी बढ़ जाता है।खासकर सर्दियों में, दालचीनी और इलायची मिश्रित चाय के सेवन से काफी फायदा होता है।

लहसुन के बारे में अभी तक हम यही जानते रहे हैं कि यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करता है। लेकिन यह सर्दी के मौसम में शरीर को गर्म रखने में भी सहायक है।यह हमारे प्रतिरोधी तंत्र के लिए एक अमूल्य बैक्टीरिया तथा वायरलरोधी बूटी भी है।

जाड़े में वैसे भी खांसी तथा गला संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन सही रहेगा। लहसुन धमनियों को मुलायम बनाता है, जिससे रक्तसंचार में सुधार होता है और धमनियों में थक्के नहीं बनते। २-३ लहसुन रोजना यूं ही चबाकर खाएं या सूप अथवा पके भोजन में मिलाकर खाएं।

छोटी इलायची व्‍यंजनों में खुशबू बढ़ाने के काम आती है, लेकिन यह हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद है। इसमें भी अदरक के समान ही उष्मा और स्फूर्तिदायक गुण होते हैं।

इलायची से जुड़े दादी-नानी के अनेक नुस्खे हैं। इन्हीं में से एक नुस्खा है-रात में सोने के पहले एक कप पानी और एक बड़ा चम्मच शहद के साथ दो-तीन इलायची उबाल कर पिएं। इससे बंद नाक और छाती की जकड़न खोलने में मदद मिलती है।

लौंग
कच्चा लौंग चबाने से गले की खराश मिटती है और भूने लौंग चबाने से खांसी से राहत मिलती है। इससे शरीर के भीतर गर्मी भी पैदा होती है। इसलिए अत्यधिक ठंड वाले देशों में इसका प्रयोग खूब होता है। इसे चाय के साथ उबाल कर भी पी सकती हैं।

जायफल

जायफल में वायरल-रोधी गुण पाए जाते हैं। सर्दियों के मौसम में एक चुटकी जायफल के सेवन से छाती की जकड़न दूर होती है। जाड़े की ठिठुरन दूर करने के लिए जायफल मिश्रित कॉफी या फुलकों का सेवन फायदेमंद होगा।

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