homemade remedy for epilepsy :- मिर्गी के रोगी को बार-बार दौरे पड़ते है, मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण बार-बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है, दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है, इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर, इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना, मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है, अनेक बीमारियों में मिर्गी जैसे दौरे आ सकते हैं| मिर्गी के सभी मरीज एक जैसे भी नहीं होते, किसी की बीमारी मध्यम होती है, किसी की तेज, यह एक आम बीमारी है जो लगभग सौ लोगों में से एक को होती है।
मिर्गी के लक्षण :- मिर्गी में रोगी महसूस करते है जैसे किसी अँधेरी गुफ्फा में घुसे जा रहे हो, वह जमीन पर गिर पड़ते है, हाथ पैर तेजी से पटकते है, बेहोश भी हो जाते है , बेहोशी की इस्थिति में रोगी की बोहे, आँखे टेडी हो जाती है, मुंह से झाग, लार निकलने लगती है, शरीर ऐठ जाता है|
मिर्गी के घरेलू उपचार :- 1.चुटकी भर हिंग को नीबू के रस में मिलके चूसने से लाभ होगा |
2.नीबू के रस के साथ गोरखमुंडी को खाने से मिर्गी के दौरे आने बंद हो जाते है |
3.बिजौरे नीबू का रस और निर्गुन्डी का रस मिलाकर 3 दिन तक नाक में डालने से मिर्गी की बिमारी में आराम मिलता है|
4.प्रतिदिन 25 ग्राम शेह्तूत का रस रस पीने से मिर्गी के दौरे नहीं पड़ते |
5.लगभग 74 मिलीलीटर प्याज के रस के साथ थोडा सा पानी मिलाकर सुबह पीने से मिर्गी के दौरे पड़ने पड़ने बंद हो जाते है|
6.प्याज का रस सूंघने से मिर्गी के दौरान पहोशी गायब हो जाती है|
7.मिर्गी के कारण उत्पन बेहोशी में लहसुन कूटकर सूंघने से रोगी होश में आ जाता है|
8.लहसुन की 10 कली को दूध में उबालकर प्रतिदिन खाने से मिर्गी का रोग ठीक होता है|
9.लहसुन को तेल में सेक कर प्रतिदिन खाने से मिर्गी के दौरे शांत होते है|
10.एक ग्राम लहसुन और 3 ग्राम तिल को पीसकर खाने से वायु द्वारा पैदा होने वाले मिर्गी के दौरे ठीक होते है|लहसुन को घी में भूनकर खाने से मिर्गी के दौरे ठीक होते है|
मिर्गी के घरेलू उपचार :- 1.सेब का रस पीना भी इस रोग में लाभदायक होता है , सेब का मुरब्बा भी रोग की तीव्रता में कमी करता है|
2.प्रतिदिन मुनक्का का सेवन लाभप्रद रहता है|
3.गर्मियों के दिनों में प्रातकाल आंवले के मुरब्बे के साथ दूध और गाजर का रस मिलाकर पीए तो मस्तिष्क को तो बल मिलता ही है, मिर्गी की बिमारी से भी काफी आराम मिलता है|
4.मिर्गी के रोगियों के लिए लीची का नियामित सेवन लाभकारी रहता है|