HOMEMADE REMEDIES FOR UMBNESS BODY :- अकसर जब आप कभी एक ही अवस्था में बैठे रह जाते हैं तो आपके हाथ और पैर सुन्नं पड़ जाते हैं, जिसके कारण आपको कभी कोई भी चीज़ को छूने का एहसास मालूम नहीं पड़ता है। यही नहीं, इसके अलावा आपको प्रभावित स्था न पर दर्द, कमजोरी या ऐठन भी महसूस होती होगी। लगभग सभी लोग इस अनुभव का शिकार जरूर हुए होंगे।
लगातार हाथों और पैरों पर प्रेशर के अलावा यह सुन्न पड़ना, किसी ठंडी चीज को बहुत देर तक छूते रहने से, तंत्रिका चोट, बहुत अधिक शराब का सेवन, थकान, धूम्रपान, मधुमेह, विटामिन या मैग्नीहशियम की कमी आदि से भी होता है।शरीर के अंग का सुन्नाआ पड़ जाना एक आम सी समस्यात जरूर है लेकिन इसके कई कारण भी हो सकते हैं।
अगर यह समस्या कुछ मिनटों तक रहती है तब तो घबराने वाली कोई बात नहीं है लेकिन अगर यही कई-कई घंटों तक बनी रहे तो आपको डॉक्ट र के पास जाने की आवश्यतकता जरूर है, क्योंकि यह किसी बड़ी बीमारी का भी लक्षण हो सकता है।
कभी-कभी बैठे-बैठे या काम करते हुए शरीर का कोई अंग या त्वचा सुन्न हो जाती है| कुछ लोग देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करते या पढ़ते-लिखते रहते हैं| इस कारण रक्तवाहिनीयों तथा मांसपेशियों में शिथिलता आ जाने से शरीर सुन्न हो जाता है|
शरीर सुन्न हो जाने का कारण :– शरीर के किसी अंग के सुन्न होने का प्रमुख कारण वायु का कुपित होना है| इसी से वह अंग भाव शून्य हो जाता है| लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि खून के संचरण में रुकावट पैदा होने से सुन्नता आती है| यदि शरीर के किसी विशेष भाग को पूरी मात्रा में शुद्ध वायु नहीं मिलती तो भी शरीर का वह भाग सुन्न पड़ जाता है|
शरीर सुन्न हो जाने की पहचान :- जो अंग सुन्न हो जाता है, उसमें हल्की झनझनाहट होती है| उसके बाद लगता है कि वह अंग सुन्न हो गया है| सुई चुभने की तरह उस अंग में धीरे-धीरे लपकन-सी पड़ती है, लेकिन दर्द नहीं मालूम पड़ता|
शरीर सुन्न हो जाने के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :-पपीता और सरसों :- पपीते या शरीफे के बीजों को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर सुन्न होने वाले अंगों पर धीरे-धीरे मालिश करें|
सोंठ, लहसुन और पानी :- सुबह के समय शौच आदि से निपट कर सोंठ तथा लहसुन की दो कलियों को चबाकर ऊपर से पानी पी लें| यह प्रयोग आठ-दस दिनों तक लगातर करने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है|
अजवायन, लहसुन और तिली तेल :- तिली के तेल में एक चम्मच अजवायन तथा लहसुन की दो पूतियां कुचलकर डालें| फिर तेल को पका-छानकर शीशी में भर लें| इस तेल से सुन्न स्थान की मालिश करें|
बादाम :- बादाम का तेल मलने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है|
पीपल और सरसों :- पीपल के पेड़ की चार कोंपलें सरसों के तेल में मिलाकर आंच पर पकाएं| फिर छानकर इस तेल को काम में लाएं|
सोंठ, पीपल, लहसुन और पानी :- सोंठ, पीपल तथा लहसुन – सभी बराबर की मात्रा में लेकर सिल पर पानी के साथ पीस लें| फिर इसे लेप की तरह सुन्न स्थान पर लगाएं|
बादाम :- बादाम घिसकर लगाने से त्वचा स्वाभाविक हो जाती है|
कालीमिर्च और इलायची :- कालीमिर्च तथा लाल इलायची को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाएं|
नारियल और जायफल :- 100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर त्वचा या अंग विशेष पर लगाएं|
लहसुन और पानी :- एक गांठ लहसुन और एक गांठ शुंठी पीस लें| इसके बाद पानी में घोलकर लेप बना लें| इस लेप को त्वचा पर लगाएं|
घी :- रात को सोते समय तलवों पर देशी घी की मालिश करें| इससे पैर का सुन्नपन खत्म हो जाएगा|
चोपचीनी, पीपरामूल, मक्खन और दूध :- 5 ग्राम चोपचीनी, 2 ग्राम पीपरामूल और 4 ग्राम मक्खन – तीनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें|
बेल, पीपल, चित्रक और दूध :- बेल की जड़, पीपल और चित्रक को बराबर की मात्रा में लेकर आधा किलो दूध में औटाएं| फिर रात को सोते समय उसे पी जाएं|
सैन्धव तेल :- सैन्धव तेल की मालिश से सुन्नपन में काफी लाभ होता है|