HOMEMADE REMEDIES FOR STOMACHACHE :- पेट में दर्द होना एक सामान्य समस्या है। यह दर्द पेट के किसी भी भाग में हो सकता है। लेकिन यदि दर्द बढ़ता है तो इंसान का उठना बैठना तक मुसीबत बन जाता है और वह दर्द से अधिक परेशान हो जाता है। पेट दर्द के मुख्य कारण हैं आंतों में किसी तरह की समस्या का होना। लिवर, पेनक्रिययास यानि अग्नाषय और आमाषय में परेशानी आदि का होना।
ये सभी पेट दर्द का कारण बनते हैं। सरल भाषा में कहा जाए तो पेट दर्द की मुख्य वजह हैं अधिक गैस बनना, अपच, विषाक्त भोजन यानि फूड पोइजनिंग होना और किडनी में पथरी का बनना आदि। पेट का दर्द छोटे-बड़े सभी को होता है|
अधिकांश लोगों को भोजन करने के उपरांत पेट दर्द होता है, जबकि कुछ लोगों को भोजन से पहले यह पीड़ा होती है| दोनों ही प्रकार का पेट दर्द अनियमित खान-पान, प्रदूषित आहार-विहार तथा शीघ्रतापूर्वक भोजन करने के कारण उत्पन्न होता है| अत: उपचार के साथ-साथ उपरोक्त विषय में भी सावधानी बरतनी चाहिए|
पेट दर्द का कारण: :- भोजन ठीक से न पचने, कब्ज, बार-बार दस्त आने तथा पाकस्थली में विकार उत्पन्न होने से पेट में दर्द हो जाता है| कई बार देखा गया है कि पेट में बड़ी तीव्रता से दर्द उठता है| यह आमाशय की बीमारी, पेष्टिक अल्सर, छोटी-बड़ी आंतों के रोग, यकृत तथा पित्ताशय के रोग, गुर्दे के रोग, वायु का अधिक बनना आदि की वजह से होता है| कब्ज तथा अपच में उलटी भी हो जाती है जिसके साथ ही दर्द उठता है|
पेट दर्द की पहचान: :- पेट में भारीपन मालूम पड़ता है| सुई चुभने जैसी पीड़ा होती है| अपान वायु तथा मल रुक जाते हैं| कई बार पेट का दर्द भयंकर रूप धारण कर लेता है जिसके कारण अत्यधिक बेचैनी होती है| अपच, अजीर्ण, कब्ज, दस्त, बुखार, जी मिचलाना, उल्टियां आदि होने लगती हैं|
पेट दर्द के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- हरड़ और गरम पानी:- हरड़ को घी में भूनें| फिर उसे पीसकर चूर्ण बना लें| इसमें से दो चुटकी चूर्ण गरम पानी से सेवक करें| अपान वायु छूटने के बाद पेट का दर्द ठीक हो जाएगा|
अदरक और शहद:- एक चमच्च अदरक का रस और थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटें|
नीबू, काला नमक, कालीमिर्च और जीरा:- नीबू के रस में एक चुटकी काला नमक, पिसी हुई थोड़ी-सी कालीमिर्च और पिसा हुआ जरा-सा जीरा मिलाकर बूंद-बूंद रस का सेवन करें|
जीरा:- आधा चम्मच जीरा पीस लें| फिर उसमें जरा-सा शुद्ध शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटें|
अजवायन और काला नमक:- एक चम्मच अजवायन, एक चुटकी हींग और दो चुटकी काला नमक – सबको मिलाकर फंकी मारें| ऊपर से गरम पानी पी लें|
पुदीना, शक्कर और नमक:- सूखा पुदीना पानी में घोलकर उसमें जरा-सी शक्कर और एक चुटकी नमक मिलाकर सेवन करें|
सोंठ:- आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ, एक चुटकी सेंधा नमक, एक चुटकी काला नमक तथा जरा-सी हींग – सबको पानी में घोलकर गुनगुना करके पिएं|
दालचीनी और हींग:- दालचीनी और जरा-सी हींग मिलाकर पीस लें| फिर इसे थोड़े से पानी में घोलकर पी जाएं|
लाल मिर्च:- आधी चुटकी पिसी हुई लाल मिर्च को गुड़ में मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है|
शहद और जीरा:- थोड़े से जीरे को सूखे तवे पर भून लें| फिर उसे पीसकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर सेवक करें|
सौंफ और सेंध नमक:- सौंफ में सेंध नमक मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है|
तुलसी और अदरक:- एक चम्मच तुलसी का रस और एक चम्मच अदरक का रस गरम करके पीने से पेट के दर्द में काफी लाभ होता है|
अमरूद:- अमरूद की थोड़ी-सी नई पत्तियों को लेकर पीस लें| फिर उनको पानी में घोलकर सेवन करें|
लहसुन और काला नमक:- आधा चम्मच लहसुन का रस लेकर उसमें एक चुटकी काला नमक मिला लें| इसे धीरे-धीरे पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है|
मूली, कालीमिर्च और नमक:- मूली के दो चम्मच रस में चार दाने कालीमिर्च पीसकर मिला दें| फिर इसमें एक चुटकी नमक मिलाकर सेवक करें|
प्याज और कालीमिर्च:- अफरा होने पर प्याज के रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पिएं|
अजवायन:- अजवायन का चूर्ण पानी में घोलकर पेट पर मलने से अपान वायु निकाल जाती हैं|
जामुन:- पके हुए जामुन का शरबत पीने से पेट का दर्द रुक जाता है|
खरबूजा और काला नमक:- खरबूजे के छिलके को जलाकर भस्म बना लें| इसमें जरा-सा काला नमक मिलाकर सेवन करें|
लौंग:- एक चुटकी लौंग का चूर्ण पानी में घोलकर पीने से गैस बाहर निकल जाएगी| इससे पेट का दर्द ठीक हो जाएगा|
पेट दर्द में क्या खाएं क्या नहीं:- पेट का दर्द मनुष्य को बेहाल कर देता है| इसलिए इसकी तुरन्त चिकित्सा की जानी चाहिए| इसके साथ ही भोजन सादा और सुपाच्य किन्तु पौष्टिक करें| साग-सब्जी, फल तथा रेशेदार पदार्थों का सेवन करने से भी पेट हल्का रहता है| गेहूं के आते से चोकर न छानें| उसमें बाहर से थोड़ा-सा चोकर और मिला लें| फिर उसकी चपाती बनवाकर खाएं| रोटी का प्रत्येक कौर अच्छी तरह चबाएं| कौर के साथ मुंह से जितनी अधिक लार पेट में जाएगी, भोजन उतनी ही शीघ्रता से पचेगा|
भोजन के साथ पानी न पीकर पूर्ण भोजन के कम से कम एक घंटा बाद पानी पिएं| भोजन के साथ पानी पीने से अपच रहता है| साथ ही मिर्च, मसाले गरिष्ठ भोजन, मांस, मछली, अंडा आदि न खाएं| दिनभर में जितना अधिक पानी पी सकते हैं, अवश्य पिएं| रात को सोने से पूर्व ईसबगोल की भूसी दूध के साथ सेवन करें| रात को भोजन करने के बाद थोड़ी देर तक अवश्य टहलें|