HOMEMADE REMEDIES FOR OBESITY :- मोटापा शरीर के लिए अभिशाप है| इससे मनुष्य की आकृति बेडौल हो जाती है| मोटापे से हृदय रोग, रक्तचाप, मधुमेह आदि पैदा हो सकते हैं| खान-पान, योगासन एवं व्यायाम द्वारा मोटापे पर काबू पाया जा सकता है|
मोटापे का कारण :- अत्यधिक तेल एवं घी का सेवन करने, मदिरापान, अधिक औषधियों का उपयोग, बार-बार भोजन करने तथा शारीरिक श्रम न करने से शरीर में वसा एकत्र होने लगती है, जो मोटापे का कारण बनती है| इसके अलावा क्रोध को दबाने, चिंता करने और तनावग्रस्त रहने से भी शरीर का भार बढ़ जाता है|
मोटापे की पहचान :- मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति का वजन आयु एवं उंचाई के अनुसार न होकर काफी बढ़ जाता है| उसे रक्तचाप, मधुमेह या हृदय रोग की बीमारियां घेर लेती हैं| 5 फीट 2 इंच उंचाई वाले 25 वर्षीय युवक का भार 56 से 60 कि.ग्रा. होना चाहिए, जबकि इसी आयु एवं उंचाई वाली महिला का सामान्य भार 53 से 56.7 कि.ग्रा. निर्धारित किया गया है| इससे अधिक भार मोटापा कहलाएगा|
मोटापे के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- मेथी और पानी :- मेथी की पत्तियों का प्रयोग प्रचुर मात्रा में करें| मेथी की सब्जी और दाने पानी के साथ खाने पर कुछ ही दिनों में मोटापा कम होने लगता है|
मूली, नीबू और नमक :- मूली के रस में नीबू और नमक मिलाकर लेने से मोटापा कम होता है|
पानी, शहद और नीबू :- एक गिलास पानी में दो-तीन चम्मच शहद और एक नीबू का रस मिलाकर रोज पीने से मोटापा दूर होता है|
मूली और शहद :- शहद लगाकर मूली खाने से भी मोटापा ठीक होता है|
सोंठ, सौंफ, चव्य, बायबिड़ंग, मट्ठा और काला नमक :- सोंठ, सौंफ, चव्य, बायबिड़ंग और काला नमक का समभाग लेकर चूर्ण बना लें| 2 ग्राम चूर्ण गाय के मट्ठे के साथ नित्य खाएं| मोटापा अवश्य दूर होगा|
लहसुन और पानी :- लहसुन की चार कलियां पानी में रातभर भिगोने के बाद सुबह खाएं|
बेर, अनार, गिलोय, एरंड, पानी और मिश्री :- बेर की पत्ती, अनार की कली, गिलोय, एरंड की जड़ एवं ढाक के फूल – इन सबको 1-1 ग्राम लेकर 100 ग्राम पानी से पीस लें| फिर उसमें मिश्री मिलाकर पिएं| मोटापा दूर हो जाएगा|
मोटापे में क्या खाएं क्या नहीं :-अत्यधिक तेल-घी, तली हुई वस्तुएं, अंडा, मांस, मछली आदि का सेवन न करें| भोजन में से गेहूं की रोटी तथा चावल कम कर दें| जौ और चने की रोटी खाएं| नित्य एक गिलास फलों का रस पिएं| प्रात:काल हल्का व्यायाम या योगासन करें| चाय, सिगरेट, कॉफी और शराब का त्याग करें| सप्ताह में एक दिन उपवास रखें| उपवास के दिन नीबू-पानी, संतरा, अंगूर, मौसमी, पपीता आदि फलों को उचित मात्रा से थोड़ा कम खाएं|