HOMEMADE REMEDIES FOR NIGHT BLINDNESS :- विटामिन ए की कमी से होनेवाला यह आंखों का प्रमुख रोग है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को रात्रि के समय दिखाई देना बंद हो । जाता है तथा रोगी की आंखों के सम्मुख काले-पीले धब्बे आने लगते हैं। जिससे उसे काफी असुविधा होती है।
यह रोग अधिक समय तक धूप में रहने तथा आहार में विटामिन ए की कमी से होता है। रतौंधी एक ऐसा रोग है जिससे रोगी को आंखों में कोई कष्ट तो नहीं होता, लेकिन उसे रात के समय देखने में बड़ी परेशानी होती है| ऐसा रोगी हीन भावना का शिकार हो सकता है|
रतौंधी का कारण :- रतौंधी विटामिन ए और विटामिन बी की कमी से होता है| विटामिन ए तथा बी फलों, दूध, सब्जियों आदि में बहुतायत से पाया जाता है| अत: मौसमी फल एवं सब्जियों का सेवन अवश्य करना चाहिए| जो लोग पौष्टिक आहार नहीं लेते, उनको रतौंधी का रोग लग जाता है|
रतौंधी की पहचान :- रतौंधी के कारण रोगी को रात में साफ-साफ दिखाई नहीं देता| दूर तथा नजदीक की भी वस्तुएं उसे पहचानने में कठिनाई महसूस होती है|
रतौंधी के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- शहद :- आंखों में सुबह-शाम शुद्ध शहद की सलाई लगाएं|
सौंफ और बूरा :- रात के समय सौंफ तथा बूरा 25 ग्राम की मात्रा में कुछ दिनों तक नित्य सेवन करें|
घी और कालीमिर्च :- देशी घी में एक रत्ती कालीमिर्च का महीन चूर्ण मिलाकर आंखों में सलाई से लगाएं|
पान :- आंखों में पान के पत्ते का रस डालने से रतौंधी का रोग जाता रहता है|
बथुए और सेंधा नमक :- बथुए का रस बूंद-बूंदकर आंखों में डालें तथा सेंधा नमक मिलाकर एक कप की मात्रा में पिलाएं|
घी :- आंखों में शुद्ध देशी घी की सलाई कुछ दिनों तक लगाने से रतौंधी खत्म हो जाती है|
गुलाबजल और फिटकिरी :- गुलाबजल में फिटकिरी घोलकर आंखों में बूंद-बूंद डालें|
अनार :- आंखों में अनार का रस डालने से रतौंधी का रोग जाता रहता है|
पानी, सिरका और शहद :- पानी में थोड़ा-सा सिरका तथा शहद मिलाकर कुछ दिनों तक रोज पीने से रतौंधी खत्म हो जाती है|
हरड़ :- रात को दो हरड़ साफ पानी में भिगो दें| फिर इस पानी को सुबह के समय आंखें धोएं|
दूब :- दूब घास को पीसकर आंखों की पलकों पर लेप लगाना चाहिए|
सिरस :- सिरस के पत्तों का रस तीन-चार बूंद की मात्रा में नित्य आंखों में डालें|