HOMEMADE REMEDIES FOR DIARRHEA DIARRHEA :- जब पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है तब खाया हुआ आहार पूरी तरह नही पचता जिससे मल बंध नहीं पाता और दस्त पतला हो जाता है। बार बार पतला दस्त अतिसार कहलाता है।अतिसार होने की स्थिति में अन्न खाना बन्द कर दही चावल, केले, बेल का मुरब्बा खाना तथा मौसम्बी का रस या ग्लूकोज पानी में घोल कर पीना हितकारी होता है।
असंतुलित और अनियमित खान-पान से, दूषित पानी उपयोग करने से, खाली पेट चाय पीने से, अधिक ठंडे पदार्थों के सेवन करने से, अखाद्य और विजातीय पदार्थ भक्छण करने से, पाचन क्रिया ठीक न होने से, लिवर की प्रक्रिया में व्यवधान आने से प्राय: अतिसार रोग की उत्पत्ति होती है।
इस रोग में रोगी को आम युक्त पानी जैसे पतले दस्त होने लगते हैं। बार-बार शोच के लिये जाना पडता है। रोग लम्बा चलने पर रोगी बहुत दुर्बल हो जाता है और ईलाज नहीं लेने पर रोगी की मृत्यु भी हो जाती है।भोजन न पचने (अग्निमांद्य) की वजह से द्रव्य धातु से मिलकर पाखाना (मल) वायु सहित गुदा से बाहर निकलता है, इसे अतिसार या दस्त कहते हैं|
यह छ: प्रकार का होता है – वातिक, पैत्तिक, श्लेष्मज, त्रिदोषज, शोकज तथा आमज|इस रोग में दस्त कई रंग के आते हैं| दस्तों के साथ पेट में मरोड़ भी होती है| पेट में शूल उठता है और रोगी को बार-बार मल त्याग करने जाना पड़ता है| इसके बाद भी उसे चैन नहीं मिलता| कभी-कभी दस्तों के साथ खून भी आता है|
अतिसार दस्त का कारण :- यह रोग भोजन न पचने, दूषित भोजन करने, संक्रमण, आंतों में सूजन, पेचिश की बीमारी आदि से सम्बंधित है| यह ज्यादातर अजीर्ण के कारण हो जाता है| पेट में जमा हुआ मल आंतों से उखड़ कर बाहर निकलना चाहता है, किन्तु सड़न क्रिया के कारण वह पतले रूप में बाहर आता है|
अतिसार दस्त की पहचान :- इस रोग में थोड़ी-थोड़ी देर के अन्तर से बार-बार पतला मल आता है| रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है| पेट में दर्द, मरोड़, गुड़गुड़ाहट, खट्टी डकारें आदि लक्षण साफ-साफ दिखाई देते हैं|
अतिसार दस्त के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- बेल और पानी:-बेल का गूदा पानी में मथकर थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर नित्य कुछ दिनों तक पीने से दस्त बंद हो जाते हैं|
पीपल और पानी:- पीपल के दो पत्तों को पानी में उबालकर पानी पिएं|
बेल:- बेल का मुरब्बा सेवन करने से हर प्रकार के दस्त रुक जाते हैं|
सौंफ, ईसबगोल, बेलगिरी और चीनी:- सौंफ, ईसबगोल, बेलगिरी तथा चीनी-सब 100-100 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर कांच की शीशी में रख लें| इसमें से 5-5 ग्राम चूर्ण नित्य सुबह-शाम मट्ठे या ताजे पानी के साथ सेवन करें|
दूब:- यदि दस्त के साथ खून आने की शिकायत हो तो दूब का रस आधा चम्मच सेवन करें या थोड़ी-सी दूब का काढ़ा बनाकर पिएं|
जामुन, मट्ठा, पानी और आम:- जामुन और आम की गुठली की गिरी पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच चूर्ण मट्ठे या ताजे पानी से लें|
अफीम और पानी:- एक रत्ती अफीम पानी के साथ लेने से दस्त रुक जाते हैं|
जामुन और चीनी:- पके हुए फरैंदा जामुन का रस पांच चम्मच लेकर उसमें जरा-सी चीनी या गुड़ मिलाकर सेवन करें|
रीठा:- दो चम्मच रीठे का पानी पीने से हर तरह के दस्त रुक जाते हैं|
जायफल, तुलसी और पानी:- थोडा-सा जायफल सिल पर घिसें| उसमें तुलसी के बीजों का चूर्ण आधे चम्मच की मात्र में मिलाएं| फिर इसे एक कप पानी में घोलकर पी जाएं|
लौकी और छाछ:- लौकी का रायता छाछ में बनाकर भोजन के साथ लें|
छाछ और शहद:- रोज दो कप छाछ में एक चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से हर प्रकार का दस्त समाप्त हो जाता है|
आम :- आम की कोंपलों को पानी में औटाकर छानकर सेवन करें|
बेल और फिटकिरी :- बेल का रस एक गिलास लेकर उसमें एक चुटकी भुनी हुई फिटकिरी मिलाकर सुबह-शाम पिएं|
नीबू और घी :- यदि किसी अंग्रेजी दवा के कारण दस्त हो तो नीबू के रस में थोड़ा-सा घी मिलाकर पी जाएं|
पुदीना और पानी: :- चार बूंद अर्क पुदीना ताजे पानी में डालकर सेवन करें|
दाल और बथुआ: :- बथुए की सब्जी मूंग की दाल में मिलाकर खाने से दस्तों में काफी आराम मिलता है|
इमली, पानी और मट्ठा:- इमली के चियों को पानी में पीस लें| फिर दो चम्मच की मात्र में मट्ठे के साथ सेवन करें|
नीम और मिश्री:- यदि गरमी के मौसम में दस्त का रोग हो जाए तो चार-पांच नीम के मुलायम पत्ते पानी में उबाल-छानकर थोड़ी-सी मिश्री डालकर पी जाएं|
तुलसी:- तुलसी के दो-चार पत्ते सुबह-शाम चबा जाएं| दस्त रुक जाएंगे|
दालचीनी:- 2-3 ग्राम दालचीनी का चूर्ण खाकर ऊपर से पानी पी लें|
पानी, अदरक और कालीमिर्च:- एक कप पानी में अदरक का रस एक चम्मच तथा चार दाने कालीमिर्च औटाकर काढ़े के रूप में सेवन करें|
पीपल, हरड़ और काला नमक:- चार पीपल, दो छोटी हरड़ तथा दो चुटकी काला नमक पीसकर तीन खुराक करें| दिन में तीन बार इस चूर्ण को लेने से दस्त बंद हो जाते हैं|
धनिया:- धनिया का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में फांककर पानी पी लें|
अखरोट:- एक अखरोट की गिरी को महीन पीसकर नाभि पर पतला-पतला लेप करें| यदि दस्तों में ऐंठन या मरोड़ होगी तो वह भी रुक जाएगी|
खसखस, पानी और दही:- दो चम्मच खसखस थोड़े-से पानी में पीस लें| फिर इसे दही में मिलाकर खाने से मरोड़ वाले दस्त रुक जाते हैं|
अतिसार दस्त में क्या खाएं क्या नहीं :- दस्तों में आराम पहुंचाने वाला भोजन मूंग की दाल की पतली खिचड़ी है| यह खिचड़ी बिना घी डाले छाछ या मट्ठे के साथ खानी चाहिए| मिर्च-मसाले वाले भोज्य पदार्थों या पकवान का प्रयोग दस्त ठीक होने तक न करें| दिनभर तुलसी की पत्तियों का पानी पिएं| यह पानी बनाने के लिए एक लीटर पानी में चार-पांच तुलसी की पत्तियां डालकर उबाल लें| इस पानी को तांबे के बरतन में रख लें| इसे पेट के कीड़े मारने में भी प्रयोग किया जा सकता है|
गरम, शुष्क तथा नशीले पदार्थों का सेवन न करें| जब पाखाना कुछ बंधकर आने लगे तो लौकी, टिण्डे या तरोई की सब्जी के साथ चोकर सहित आते की चपाती बनवाकर खाएं| प्रतिदिन हल्का व्यायाम करें और पेट पर पानी की धार छोड़ें| नीबू, अनार, केला, पपीता, अमरूद आदि फल थोड़ी मात्रा में लेते रहें|