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Health Benefits of Vegetable and Fruit Juices । कैसे रस वाला आहार खाने से लाभ होता है जाने

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Health Benefits of Drinking Vegetable and Fruit Juices: स्वस्थ व सुखी रहने के लिये रसाहार उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी ठोस आहार है। बीमारियों से लडऩे के लिए रस औषधि की तरह उपयोगी है। हमारे आहार का काम है शरीर में होने वाली क्षति एवं पूर्ति में मदद करना। फलों व सब्जियों में जो पोषक तत्व पाए जाते हैं, वह हमें रोगों से मुकाबला करने की शक्ति देता है।जूस थेरेपी से बहुत सी बीमारियों का मुकाबला किया जा सकता है। जैसे- सर्दी, फ्लू, जुकाम, वायरल फीवर। फल एवं सब्जी दोनों का रस लाभदायक होता है। इस रस में तमाम पौष्टिक तत्व होते हैं। जरूरत पडऩे पर फल एवं सब्जियों का जूस। रस मिलाकर भी ले सकते हैं। जूस थेरेपी में सब्जियों एवं फलों का रस मिलाकर लेने से कोई गलत या साइड इफेक्ट नहीं है। परंतु रस एवं जूस को मिलाते समय सावधानी बरतें कि किसे किसके साथ लेना है।रसाहार प्रकृति का चमत्कार है।

 * आज आहार का विज्ञान काफी आगे बढ़ चुका है। बहुआयामी खोजों से यह सत्य उद्घटित हो गया है कि रस के आहार (रसाहार) से न केवल आवश्यक शक्तियां ही प्राप्त होती हैं वरन शरीर की रोगों के प्रतिरोध की क्षमता भी कई गुना बढ़ जाती है।

 * रसाहार के लिये फल, सब्जी या अंकुरित अनाज आदि खाद्यों को पूर्णतया ताजा ही काम में लें। सड़े, गले, बासी, काफी देर से कटे हुए खाद्य पदार्थ का नहीं, अपितु रोगाणुओं से मुक्त आहार सामग्री का ही रस निकालें, अन्यथा तीव्र संक्रमण हो सकता है।

 आप रसाहार कैसे लें :-

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 * आप ये ध्यान रक्खे कि ताजा रस ही काम में लें। निकालकर काफी देर तक रखा हुआ रस न लें। रखे रस में एन्जाइम सक्रियता, थायमिन, रिबोफ्लेविन, एस्कार्बिक एसिड आदि उपयोगी तत्व नष्ट होने लगते हैं तथा वातावरण के कुछ हानिकारक कीटाणु रस में प्रवेश कर रस को प्रदूषित कर देते हैं। ऐसा रस पीने से तीव्र प्रतिक्रिया होती है।

 * रसाहार बैठकर धीरे धीरे पियें। इसे प्याला या ग्लास में ही लेना चाहिय। ग्लास को मुंह की ओर ऐसे झुकायें कि ऊपरी होंठ रस में डूबा रहे। ऐसा करने से वायु पेट में नहीं जाती।

 रस कैसे निकालें :-

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ठोस फल या सब्जियों:-

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 * ककड़ी,लौकी,गाजर, टमाटर ,, अनानास, नाशपाती, आलू, सेवादि, का रस निकालने के लिये विभिन्न प्रकार की मशीनें आती हैं। संतरा, मौसम्मी , चकोतरादि नींबू कुल के फलों की अलग तरह की मशीनें आती हैं। बिजली से चलने वाली मशीनों की अपेक्षा हाथ से चलने वाली मशीनों से निकला रस श्रेष्ठ माना जाता है।

 * सब्जी को कद्दूकश से कसने के बाद या कूटकर भी रस निकाला जाता है। रस निकालने के बाद बचे हुये खुज्झे को फेंके नहीं- इसे बेसन/आटे में मिलाकर रोटी बनाकर काम में लिया जा सकता है। यह खुज्झा पेट की सफाई कर कब्ज को दूर करता है।

 कब क्या रसाहार ले :-

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कब्ज :-

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 *  सारे रोगों की जननी है। इसमें सब्जी तथा फलों को मूल रूप में खायें। गाजर, पालक,टमाटर, आंवला, लौकी, ककड़ी, ६ घंटे पूर्व भीगा हुआ किशमिश, मुनक्का,अंजीर, गेहूंपौध, करेला, पपीता, संतरा, आलू, नाशपाती, सेव तथा बिल्व का रस लें।

 अजीर्ण अपचन:-

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 * भोजन के आधे घंटे पहले आधी चम्मच अदरक का रस। अनानास, ककड़ी, संतरा, गाजर, चुकन्दर का रस।

उल्टी व मिचली:-

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 * नींबू, अनार, अनानास, टमाटर ,संतरा, गाजर, चुकन्दर का रस।

एसीडिटी:-

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 * पत्ता गोभी+गाजर का रस, ककड़ी, लौकी, सेव, मौसम्मी, तरबूज, पेठे का रस, चित्तीदार केला, आलू, पपीता।

एक्यूट एसीडीटी:-

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 * ठंडा दूध, गाजर रस।

बार- बार दस्त आना:-

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 * बिल्व फल का रस, लौकी, ककड़ी, गाजर का रस डेढ़ चम्मच ईसबगोल की भुस्सी, छाछ ईसबगोल की भुस्सी।

पीलिया :-

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 * करेला, संतरा, मौसम्मी, गन्ना, अनानास, चकोतरा का रस,पपीता, कच्ची हल्दी, शहद, मूली के पत्ते, पालक तथा मूली का रस।

मधुमेह (शुगर):-

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 * जामुन, टमाटर, करेला, बिल्वपत्र, नीम के पत्ते, गाजर पालक टमाटर, पत्ता गोभी का रस।

पथरी:-

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 * सेव, मूली व पालक, गाजर, इमली, टमाटर का रस लें। फल एवं सब्जियों के नन्हें बीज न लें।

गुर्दे के रोग:-

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 * तरबूज, फालसा, करेला, ककड़ी, लौकी, चुकन्दर, गाजर, अनानास, अंगूरादि खट्टे फलों का रस, इमली, टमाटर।

गले का रोग:-

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 * गर्मपानी, गर्मपानी एक नींबू शहद, अनानास,गाजर चुकन्दर पालक, अमरूद प्याज लहसुन का रस।

खांसी:-

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 * गर्म पानी, एक नींबू रस शहद, गाजर रस, लहसुन, अदरक, प्याज, तुलसी का रस मात्र ५० सी.सी. लें।

अनिद्रा:-

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 * सेव, अमरूद, लौकी, आलू,गाजर पालक, सलाद के पत्ते, प्याज का रस।

मुंहासे:-

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 * गाजर पालक, आलू गाजर चुकन्दर अंगूर, पालक टमाटर, ककड़ी का रस।

रक्तहीनता:-

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 * पालकादि पत्ते वाली सब्जियों, टमाटर, आंवला, रिजका, चुकन्दर, दूर्वा, पत्ता गोभी, करेला, अंगूर, खुरबानी, भीगा किशमिश, मुन्नका का रस।

मुंह के छाले:-

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 * चौलाई, पत्तागोभी, पालक, टमाटर,ककड़ी व गाजर का रस।

उच्च रक्तचाप:-

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 * प्याज, ककड़ी, टमाटर, संतरा, लौकी, सोयाबीन का दही, गाय की छाछ, गाजर व मौसम्मी का रस।

वजन वृद्धि हेतु:-

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 * अनानास, पपीता, केला, दूध, संतरा, आम आदि अधिक कैलोरी वाले मीठे फलों का रस।

वजन कम करने हेतु:-

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 * तरबूज, ककड़ी, लौकी, पालक, पेठा, टमाटर, खीरा आदि कम कैलोरी वाली सब्जियों का रस।

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