कैंसर खतरनाक बीमारी है, मगर इससे लड़ना नामुमकिन नहीं है। इसके उपचार के दौरान होने वाली कुछ मुश्किलों में दवा के साथ-साथ घर में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजें भी आपकी मदद कर सकती हैं।पुराने समय से अदरक का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम से लेकर पेट तक की कई बीमारियों से बचाव में किया जाता रहा है। कैंसर के उपचार के दौरान पेट में होने वाले दर्द और जलन से आराम देने में अदरक काफी लाभकारी हो सकती है। एंटीनॉजिया मेडिकेशन के साथ-साथ यदि अदरक और इससे बनी चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है।
हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक पदार्थ कई तकलीफों में असरकारक है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण कैंसर को बढ़ने से रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। कई तरह के शोध और अध्ययनों में भी सामने आया है कि हल्दी से प्राप्त होने वाले पदार्थ कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर से लड़ने में मददगार होते हैं।लाल मिर्च में केपसेसिन मौजूद होता है। केपसेसिन दर्द में राहत देता है। जब केपसेसिन को त्वचा पर लगाया जाता है, तो यह सब्स्टेंस-पी नामक केमिकल रिलीज करता है। इसके लगातार इस्तेमाल से सब्स्टेंस-पी की मात्रा उस हिस्से में कम हो जाती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि जहां भी दर्द हो आप इसका इस्तेमाल करें।
इसे काफी सतर्कता के साथ इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ये त्वचा के सीधे संपर्क में आने पर जलन भी पैदा कर सकती है। दर्द होने पर फिजिशियन से केपसेसिन युक्त क्रीम के बारे में पूछे। कैंसर की सर्जरी के बाद होने वाले न्यूरोपैथिक पेन (दर्द) को कम करने में यह मददगार है।लहसुन में सल्फर की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है और यह आर्जिनाइन, ऑलिगोसैकेराइड्स, फ्लेवेनॉइड्स और सेलेनियम का भी अच्छा स्रोत है। ये सभी पदार्थ सेहत के लिए खासे फायदेमंद हैं।
कई शोध बताते हैं कि लहसुन का नियमित सेवन स्टमक, कोलोन, इसोफेगस, पेंक्रिएस और ब्रेस्ट में होने वाले कैंसर के खतरे को कम करता है।पुदीने का इस्तेमाल हजारों सालों से पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में किया जा रहा है। कैंसर के उपचार के दौरान यदि पेट में किसी तरह की समस्या हो रही है तो ऐसे में पुदीने वाली चाय काफी राहत दे सकती है।