एशिया में,सहारा सहित अफ़्रीका में,आस्ट्रेलिया में माना जाता है कि शरीर में जीवन पानी के द्वारा है और शरीर का सूखापन मौत देने का कारक है,जब कोई भी कारक शैतान की आंख के घेरे में आजाता है तो गीला भाग सूखने लगता है,या उसका जो बहाव होता है,बहाव का मतलब पानी का संचालन,दूध का संचालन,धन का संचालन,बुद्धि का संचालन,रुक जाता है,इस प्रकार का प्रभाव बच्चों के अन्दर,दूध देने वाले जानवरों में,फ़लवाले वृक्षों में,जो मातायें बच्चों को दूध पिलाने वाली होतीं है,जो धन का संचालन करने वाली संस्थायें होती है,जहां पर भन्डारण होता है,अथवा किसी व्यक्ति विशेष की शैक्षणिक योग्यता होती है आदि में पडता है। दूसरे शब्दों में श्री अलन डुन्डेज के अनुसार हरी भरी धरती को रेगिस्तान बनाने में यह शैतानी आंख अपना करिश्मा दिखा देती है।
इसके बारे में दुर्घटना के बारे में महिलाओं को कहते सुना जा सकता है –” मैने बच्चे को नई पोशाक से सजाया और बाजार में निकल गयी,एक स्त्री जो संतान-विहीन थी उसने देखा और कहा-“वाह! कितना प्यारा बच्चा है”,मैं घर आयी और बच्चे को उल्टियां चालू हो गयीं। इस बात किसी भी प्रकार से ठुकराया नही जा सकता है कि शैतानी आंख का करिश्मा नही था,उस बच्चे को वास्तव में नजर दोष लग गया था।
बाइबिल के २३:६ में साफ़ लिखा गया है कि हे शक्ति तुम भोजन करो,लेकिन उनको मत पैदा करो जिनकी आंख शैतानी है,और न ही उस मांस को ग्रहण करो,जो शैतानी आंख के द्वारा देखा गया है। इसके बाद बाइबिल में अन्यत्र ७:२१-२२ में भी संकेत दिया है कि ईशा मसीह ने अपने सम्भाषण में कहा था कि हर चौथे आदमी की सोच के अन्दर तभी शैतानी आंख की शक्ति पैदा होती है जब वह भौतिक रूप से क्राइम करने,और जिसके अन्दर ह्रदय कठोर हो,शैतानी सोच को अपने ह्रदय मे रखता हो,स्त्री पुरुष को और पुरुष स्त्री को कामुक निगाह से ही देखता हो,अपने को उच्च विचार वाला कहने के साथ ही पीछे से गलत सोचता हो,जो मर्डर कर सकता हो,चोरी कर सकता हो,जिसे अपने कर्मों पर विश्वास न हो और वह बिना कर्म किये ही खाने की सोचता हो,उस व्यक्ति की आंख शैतान की आंख होती है।
वास्तव में बहुत ही अधिक ध्यान रखने वाली बात है कि शैतानी-आंख यानी नजर दोष से बच्चों को बचाने के लिये लाल रंग का धागा बच्चे के गले में होना जरूरी है,क्योंकि प्रोफ़ेसर डुन्डेज की थ्योरी के