हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन सर्प की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आज के दिन यदि नाग के दर्शन हो जाए तो पूजा सफल हो जाती है। आज हम आपको नागपंचमी की कथा के बारे में बता रहे हैं.नाग पंचमी एक हिन्दू पर्व है जिसमें नागों और सर्पों की पूजा की जाती है।
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में यह पर्व पूरे देश में पूर्ण श्रद्धा से मनाया जाता है। इस वर्ष 2017 में नाग पंचमी 27 जुलाई गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।इस पर्व को मनाने के पीछे एक रोचक तथ्य है। श्रावण के महीने में बरसात होने के कारण अक्सर सर्प अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और दूसरा अस्थायी बसेरा ढूंढते हैं।
ये कहीं मनुष्यों को हानि ना पहुंचाए, इसलिए नागपंचमी पर इनकी पूजा की जाती है और इन्हें दूध भी पिलाया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग की पूजा करने से मनुष्य को बहुत पुण्य मिलता है। नाग की पूजा नाग के संरक्षण की प्रेरणा देती है। इसके संरक्षण से पर्यावरण की रक्षा होती है।
लेकिन कुछ लोग पैसे के लालच में सांपों को मारते हैं, क्योंकि इंटरनेशनल बाजार में नाग की कीमत बहुत ज्यादा है। हालांकि वन विभाग और भारत सरकार इनके संरक्षण के लिए कई तरह के उपाय भी करती है।प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए।