सत्रहवां रहस्य
क्या हजारों वर्षों तक जीवित रहा जा सकता है? पौराणिक और संस्कृत ग्रंथों के अनुसार भारत में ऐसे कई लोग हैं, जो हजारों वर्षों से जीवित हैं। हिमालय में आज भी ऐसे कई ऋषि और मुनि हैं जिनकी आयु लगभग 600 वर्ष से अधिक बताई जाती है।
श्लोक : अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:।।
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
अर्थात इन 8 लोगों (अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेदव्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि) का स्मरण सुबह-सुबह करने से सारी बीमारियां समाप्त होती हैं और मनुष्य 100 वर्ष की आयु को प्राप्त करता है। अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम- ये सभी चिरंजीवी हैं।
पुराणों के अनुसार अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि के अलावा अन्य कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं। यह संभव है कि कोई व्यक्ति हजारों वर्ष तक जीवित रह सकता है। आयुर्वेदानुसार मनुष्य की आयु लगभग 120 वर्ष बताई गई है लेकिन वह अपने योगबल से लगभग 150 वर्षों से ज्यादा जी सकता है। कहते हैं कि प्राचीन मानव की सामान्य उम्र 300 से 400 वर्ष हुआ करती थी, क्योंकि तब धरती का वातावरण व्यक्ति को उक्त काल तक जिंदा बनाए रखने के लिए था।