हिंदू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज या हरियाली तीज कहते हैं. हरियाली तीज का व्रत 11 अगस्त दिन बुधवार यानी आज रखा जा रहा है. महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा करती हैं.
दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके पारण करती हैं. सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए और कुंवारी युवतियां अपने मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का दोबारा मिलन हुआ था, इसलिए हरियाली तीज का महत्व बहुत माना जाता है. आइये जानते है इस व्रत से जुड़ी जानकारी…
सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करती हैं. इस दिन 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए 107 जन्म लिए थे. 108वें जन्म में कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न किया.
इसलिए यह व्रत करने से माता पार्वती प्रसन्न होकर पतियों को दीर्घायु और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का दिन है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे-प्यासे रहकर तपस्या की. यह देखकर उनके पिता हिमालय बेहद दुखी हुए.
सखी के पूछने पर मां पार्वती ने बताया कि, वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही हैं. इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गई और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गईं.
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 11 मिनट से शुरू हो चुकी है. तृतीया तिथि 11 अगस्त 2021 दिन बुधवार की शाम 04 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगी. सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 17 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा और दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजया मुहूर्त रहेगा.
इस बार हरियाली तीज पर शिव योग नाम का बहुत ही शुभ योग भी बन रहा है. शिव योग को सभी प्रमुख योगों में से बहुत ही शुभ और सुख-संपदा देने वाला माना गया है.हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के सबसे प्रिय पर्वों में से एक है.
इस दिन व्रत रखकर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. यह पर्व महिलाओं के लिए उत्साह का पर्व होता है. महिलाएं बायना मंस कर घर के बुजुर्गों को देती हैं.
हरियाली तीज के दिन सोलह श्रृंगार करें और हाथों में हरे रंग की चूड़ियां पहनी जाती हैं. इस दिन मेहंदी लगाने का बड़ा ही महत्व है. इस अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं.
कहा जाता है कि मां पार्वती इसी दिन घनघोर तपस्या कर भगवान शंकर को प्राप्त किया था. यह शंकर और पार्वती के मिलन का दिन है. महिलाएं अपने दांपत्य जीवन में अभिवृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती हैं.