न करें कोई महत्वचपूर्ण कार्य पितर पक्ष में
मान्यंता ये है कि पितर पक्ष पूरी तरह से हमारे पूर्वजों का समय होता है और इस समय में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए, बल्कि केवल शान्तिपूर्ण तरीके से इस समय को ईश्वभर के भजन कीर्तन आदि में व्य,तीत करना चाहिए।
इस समय में कोई नया काम भी शुरू नहीं करना चाहिए, न ही कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। यहां तक कि इस समयावधि में किसी नए काम की Planning भी नहीं बनानी चाहिए। क्यों।कि इस समयावधि में कोई मांगलिक कार्य जैसे कि शादी-विवाह आदि करते हैं, तो वह निश्चित रूप से असफल होता है, अथवा अत्ययधिक परेशानियों का सामना करना पडता है। जबकि इस समयावधि में कोई सामान भी खरीदते हैं, तो उस सामान से दु:ख व नुकसान ही उठाना पडता है, बल्कि ये एक अनुभूत सत्य् है कि इस समयावधिक में बनाए गए Plan भी Fail होते हैं।
यानी ये समय भौतिक सुख-सुविधाओं के लिए किए जाने वाले किसी भी प्रयास के लिए पूरी तरह से प्रतिकूल होता है। इसलिए इस समयावधि को यथास्थिति में रहते हुए सरलता से व्य तीत करना ही बेहतर रहता है।