हरियाली तीज सुहागिनों के लिए बेहद खास दिन होता है. इस दिन वह अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.यह व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी अपने लिए अच्छे वर की मनोकामना करते हुए रखती हैं.
इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है. कल यानी 11 अगस्त बुधवार को यह पर्व मनाया जाएगा. हमारे हिंदी पंचांग के अनुसार हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है.हरियाली तीज मंगलवार 10 अगस्त को शाम 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होकर बुधवार शाम 04 बजकर 56 मिनट तक रहेगी.
हरियाली तीज के दिन महिलाएं व युवतियां स्नान करने के नए कपड़े पहनकर श्रृंगार करें.पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं.इसके बाद उन्हें लाल कपड़े के आसन पर बिठाएं. पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों को लेकर भगवान शिव और माता पार्वती अर्पित करें.
इसके बाद तीज की कथा पढ़ें और आरती करें.इस दिन महिलाओं को निर्जला व्रत रखना होता है, और अगले दिन खाना खाती हैं.काली गीली मिट्टी (भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश की मूर्ति के लिए), पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, आंकड़े के पत्ते, शमी के पत्ते, जनेऊ,नया कपड़ा, श्रीफल, कलश, चंदन, घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध, मिठाई और फल.
इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती को भी प्रसन्न करना बेहद जरूरी है. इसके लिए उन्हें 16 श्रृंगार अवश्य चढ़ाना चाहिए.जैसे चूड़ियां, महावर, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम,कंघी, बिंदी आदि.
हरियाली तीज महिलाओं को सावन के गीत गाकर झूला झूलना चाहिए. माना जाता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी. जिसे देखकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए. हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए महिलाएं इस व्रत को करती हैं और मनोकामना मांगती हैं.