क्रिटिक रेटिंग : 2.5
स्टार कास्ट : अभय देओल, पत्रलेखा, बृजेंद्र काला, मनु ऋषि
डायरेक्टर : फराज हैदर
प्रोड्यूसर : साजिद कुरैशी
संगीत : मीत ब्रोस अंजान, जीत गांगुली, साजिद-वाजिद, गुणवंत सेन
जॉनर : हॉरर कॉमेडी
डायरेक्टर फराज हैदर की फिल्म नानू की जानू सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म में अभय देओल, पत्रलेखा, बृजेंद्र काला, मनु ऋषि लीड रोल में हैं।वैसे तो आपने कई हॉरर और कॉमेडी फिल्में देखी होंगी, लेकिन नानू की जानू हॉरर के साथ कॉमेडी का जमकर तड़का देखने को मिलता है।
फिल्म ऑडियंस को डराती कम और हंसाती ज्यादा है। फिल्म में आनंद उर्फ नानू (अभय देओल) दिल्ली बेस्ड गुंडा है जो लोगों को डरा धमकाकर उनके मकान पर कब्जा करता है। नानू के इस काम में डब्बू (मनु ऋषि) उसकी पूरी मदद करता है।
लेकिन एक दिन अचानक नानू के साथ कुछ अजीबो- गरीब घटना होती है, जिससे वो परेशान हो जाता है। वो डब्बू और पड़ोसियों से भी मदद मांगता है, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता। दरअसल उसका पाला सिद्धि यानी जानू (पत्रलेखा) से पड़ता है, जो असल में भूतनी है।
और ये भूतनी, नानू को अपना दिल दे बैठती है। इतना ही नहीं वो चाहती है कि नानू के साथ उसके घर में रहे। अब आप ही सोचिए एक इंसान और भूत में मोहब्बत कैसे हो सकती है। और इसी के बाद फिल्म में शुरू होती है मजेदार कॉमेडी।
क्या जानू को नानू मिल पाता है, क्या जानू, नानू से छुटकारा पाने में कामयाब होता है, ऐसे ही और कई सवालों का जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।एक्टिंग की बात करे तो अभय देओल पूरी फिल्म में छाए हुए हैं।
वे हमेशा लीक से हटकर अपने लिए फिल्म चुनते हैं और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है। फिल्म में पत्रलेखा का छोटा सा रोल है। वहीं, मनु ऋषि ऑडियंस को हंसाने का काम तो किया ही साथ ही उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट भी लिखी है। बृजेंद्र काला ने भी कुमार का छोटा सा रोल अच्छा किया है।
फिल्म का डायरेक्शन ठीक-ठाक है। फराज ने हॉरर को कॉमेडी के साथ पेश किया है। फिल्म के कई सीन्स ऑडियंस को ठहाके लगाने पर मजबूर करते हैं। हालांकि, फिल्म का क्लाइमैक्स काफी कमजोर रहा, जिसे और बेहतर बनाया जा सकता था।फिल्म का संगीत भी ठीक ही है। ‘बिग बॉस’ की कंटेस्टेंट रही सपना चौधरी का फिल्म में एक डांस नंबर है।