क्रिटिक रेटिंग : 2/5
स्टारकास्ट : विवान शाह, अक्षरा हासन, गुरमीत चौधरी, सौरभ शुक्ला, संजय मिश्रा, कविता वर्मा, रवि किशन, दर्शन जरीवाला।
डायरेक्टर : मनीष हरीशंकर
प्रोड्यूसर : टीपी अग्रवाल, राहुल अग्रवाल
म्यूजिक : विपिन पटवा, रेवंत सिद्धार्थ, अर्को
जॉनर : फैमिली ड्रामा
जैसा कि ट्रेलर में आपने देखा होगा, ये कहानी फैमिली ड्रामा पर बेस्ट है कि किस तरह से दो परिवारों के बीच में एक शादी का मामला फंसता है। यह कहानी ललितपुर के रहने वाले लड्डू (विवान शाह) की है जिसके पिता (दर्शन जरीवाला) की साइकिल की दूकान होती है। लेकिन लड्डू बड़ा आदमी बनने की चाह में बड़ौदा चला जाता है और वहां के रेस्त्रां में काम करने लगता है, जहां रेस्त्रां का मालिक (संजय मिश्रा) उसके टैलेंट से काफी खुश होते है।
वहीं लड्डू की मुलाकात लाली(अक्षरा हासन) से होती है जो की अपने पिता(सौरभ शुक्ला) का घर छोड़कर बड़ौदा में काम कर रही होती है। लड्डू और लाली के बीच प्यार पनपने लगता है लेकिन बड़ा बनने की चाह में लड्डू लाली से ज्यादा पैसे को इम्पॉर्टेंस देने लगता है और अपने बॉस(रवि किशन) के साथ ज्यादा वक्त गुजरता है जिसकी वजह से लाली घर छोड़कर चली जाती है।
फिर कहानी में ट्विस्ट आता है और राम नगर की विरासत का राजकुमार वीर(गुरमीत चौधरी) के साथ लाली का रिश्ता हो जाता है, अब कहानी में कई मोड़ आते हैं जैसे टिपिकल हिंदी फिल्मों के जैसे फिल्म का एंड होता है।फिल्म का डायरेक्शन और लोकेशन कमाल के हैं और खास तौर पर ड्रोन कैमरे का बहुत ही बढ़िया उपयोग किया गया है। सिनेमेटोग्राफी भी अच्छी है।
फिल्म की कहानी काफी कमजोर है जिसकी लिखावट और भी मजबूत की जा सकती थी। फिल्म के दौरान फ्लैशबैक और प्रेजेंट भी कहानी को काफी डिस्टर्ब कर रहे थे। एक वक्त के बाद फिल्म की आगे की कहानी सोचना काफी आसान हो जाता है। स्क्रीनप्ले और बेहतर हो सकता था हालांकि डायलॉग्स की लिखावट अच्छी है और कभी कभी हंसी भी आती ही है।
सौरभ शुक्ला, संजय मिश्रा, दर्शन जरीवाला का काम काफी उम्दा है वहीं गुरमीत चौधरी ने भी काफी अच्छा अभिनय किया है। विवान शाह और अक्षरा हासन की केमेस्ट्री भी काफी अच्छी है और वहीं रवि किशन, कविता वर्मा के साथ साथ बाकी कलाकारों का काम भी सहज है। क्लाइमेक्स में विवान और दर्शन जरीवाला के बीच आया सीन और भी दिलचस्प लगता है।
फिल्म का म्यूजिक अच्छा है, टाइटल ट्रैक में सुखविंदर सिंह ने कमाल का गाना गाया है वहीं रोग जाने और रिश्ता जैसे गीत भी अच्छे तो हैं पर पिक्चराइजेशन के दौरान कहानी के फ्लो को रोकते हैं जिसे और बेहतर किया जा सकता था।अगर आप इस स्टार कास्ट के दीवाने हैं तो एक बार ट्राय कर सकते हैं।