सुप्रीम कोर्ट ने संगीत निर्देशक विशाल डडलानी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया जिन्होंने जैन मुनि तरूण सागर के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया.न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने हरियाणा में डडलानी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह भी ठुकरा दिया और कहा कि वह संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
डडलानी की तरफ से पेश वकील करूणा नंदी ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध देने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर प्राथमिकी रद्द नहीं होती है तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.वकील ने यह भी आग्रह किया कि जब तक डडलानी हाईकोर्ट जाते हैं तब तक उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए.बहरहाल पीठ ने इन आग्रहों को ठुकरा दिया और राहत के लिए उनसे हाईकोर्ट जाने को कहा.
अंबाला कैंट पुलिस ने जैन मुनि को लेकर कथित तौर पर व्यंगात्मक ट्वीट करने वाले डडलानी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया था.प्राथमिकी में कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला का नाम भी दर्ज है. पूनावाला ने भी जैन मुनि पर ट्वीट किया था.पुलिस ने कहा था कि डडलानी और पूनावाला के खिलाफ अंबाला में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें भादंसं की धारा 153 ए (समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295 ए (जानबूझकर धर्म को बदनाम करना या धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाना) ओर 509 (शब्द या भाव भंगिमा से नारी की मर्यादा का अपमान करना) शामिल है.
अंबाला कैंट के निवासी पुनीत अरोड़ा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था जो मुनि के समर्थक बताए जाते हैं.शिकायत में आरोप लगाया गया कि आरोपी ने अपने व्यंग्यात्मक ट्वीट के माध्यम से जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया था.हरियाणा सरकार ने जैन मुनि को 26 अगस्त को विधानसभा में ‘कड़वे वचन’ के लिए आमंत्रित किया था.
जैन मुनि व्याख्यान के लिए हमेशा की तरह ही दिगंबर रूप निर्वस्त्र अवस्था में ही विधानसभा आए थे. हरियाणा विधानसभा में सागर के संबोधन पर ‘व्यंग्यात्मक’ ट्वीट करने के लिए आप के कट्टर समर्थक डडलानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के निशाने पर आ गए थे.