सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ के उस अनुरोध पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिसमें फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को रिलीज किये जाने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से संपर्क कर सकता है जिसने इस मामले में गौर किया है.न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अवकाशकालीन पीठ ने गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स अवेयरनैस एसोसिएशन को यह स्वतंत्रता दी कि वह अपना अनुरोध लेकर हाई कोर्ट से सम्पर्क कर सकते हैं.
पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. हम इसके गुण दोष में नहीं जाएंगे. याचिकाकर्ता को यह छूट दी जाती है कि वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट जा सकता है जो इस मामले पर गौर कर रहा है.एनजीओ ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे जाकर फिल्म को जारी करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. उसके अन्य अनुरोध पर दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्माता को निर्देश दिया था कि वह बंबई हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए इसके प्रोमो में सुधार करे.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दाखिल याचिका में कहा गया था कि फिल्म पर इस आधार पर रोक लगायी जाए कि इसे पंजाब राज्य को गलत रोशनी में पेश किया गया है.बंबई हाई कोर्ट ने 13 जून को ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म के प्रदर्शन का मार्ग प्रशस्त करते हुए निर्माता को फिल्म से पेशाब करने वाले एक दृश्य को निकालने और यह संशोधित घोषणा दिखाने को कहा था जिसमें उसे पाकिस्तान का उल्लेख हटाना पड़ेगा.
बंबई हाई कोर्ट ने फिल्मकार को घोषणा में यह भी जोड़ने को कहा कि फिल्म, उसके चरित्र एवं फिल्म निर्माता नशे की वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं देते तथा फिल्म नशे के उपयोग की वास्तविकता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है.बंबई हाई कोर्ट में अनुराग कश्यप की फैंट्म फिल्म्स ने केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की संशोधित समिति के छह जून के उस निर्देश को चुनौती दी थी जिसमें फिल्म में कुल 13 बदलाव करने को कहा गया था.