श्रीदेवी का कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया। अब उनकी मौत को लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उनके पति बोनी कपूर उन्हें सरप्राइज देने के लिए दोबारा दुबई पहुंचे थे। वे उन्हें डिनर पर ले जाना चाहते थे। फ्रेश होने के लिए वे वॉशरूम गईं, लेकिन 15 मिनट तक बाहर नहीं निकलीं।
बाद में देखने पर वे बाथटब में गिरी मिलीं। उधर, ये बात भी सामने आई है कि पति और बेटी के मुंबई लौटने के बाद श्रीदेवी दुबई के होटल के कमरे में अकेली थीं। निधन से पहले 48 घंटे तक बाहर भी नहीं निकली थीं।
परिवार के एक करीबी के हवाले से खलीज टाइम्स ने रिपोर्ट दी कि बोनी कपूर शादी में शामिल होकर मुंबई लौट गए थे। 24 फरवरी को दोबारा दुबई लौटे और वे शाम करीब 5.30 बजे जुमैरा एमिरेट्स टॉवर होटल गए। यहां ही श्रीदेवी रुकी हुई थीं। बोनी श्रीदेवी को सरप्राइज डिनर पर ले जाने वाले थे।
बोनी ने श्रीदेवी को जगाया और दोनों ने करीब 15 मिनट बात की। इसके बाद श्रीदेवी वॉशरूम गईं। जब वे 15 मिनट तक नहीं लौटीं तो बोनी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया।अंदर से कोई रिस्पॉन्स न मिलने पर उन्होंने धक्का देकर दरवाजा खोला। बोनी ने देखा कि श्रीदेवी अचेत हालत में बाथटब में गिरी हुई थीं।
बोनी ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त को फोन किया। इसके बाद उन्होंने करीब 9 बजे पुलिस को जानकारी दी।पुलिस और डॉक्टरों के होटल आने के बाद उन्हें मृत घोषित घोषित कर दिया गया। इस बीच दुबई के भारतीय कॉन्स्युलेट ने श्रीदेवी का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पति और बेटी के मुंबई लौटने के बाद श्रीदेवी दुबई के होटल के कमरे में अकेली थीं। निधन से पहले 48 घंटे तक बाहर भी नहीं निकलीं। शनिवार रात बाथरूम में बेहोश होने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। दुबई पुलिस ने होटल का पूरा फ्लोर सील कर दिया है, ताकि जरूरी हो तो जांच की जा सके।
बता दें कि श्रीदेवी, बोनी कपूर और उनकी छोटी बेटी खुशी के साथ भांजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने दुबई गई थीं। शादी 22 फरवरी को हुई थी।शुरुआती रिपोर्ट में श्रीदेवी की मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट को बताया जा रहा है। बोनी के छोटे भाई संजय कपूर के मुताबिक, श्रीदेवी को दिल की बीमारी नहीं थी। ऐसे में कॉस्मेटिक सर्जरी मौत से जोड़ी जा रही है।
श्रीदेवी 29 सर्जरी करा चुकी थीं। एक में गड़बड़ी के बाद डाइट पिल्स और एंटी एजिंग दवाएं ले रही थीं।दुबई में विदेशी नागरिकों की स्वाभाविक मौत पर भी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने में एक-दो दिन लगते हैं। यूएई में भारतीय एम्बेसडर नवदीप सूरी और दुबई में भारतीय कॉन्स्युलेट विपुल ने जरूरी औपचारिकताएं पूरी कींं।
खलीज टाइम्स के मुताबिक, यूएई में अगर किसी शख्स की अस्पताल में मौत होती है और मौत की वजह पता होता है तो परिजन को बॉडी जल्दी मिल जाती है। अगर अस्पताल के बाहर (घर में भी) मौत हुई है तो पुलिस को सूचना देनी होती है। वे जांच भी करते हैं। बॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए भी भेजी जाती है।
फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद अगर बॉडी को दूसरे देश भेजना है तो उस पर एक केमिकल लगाया जाता है। इसमें करीब डेढ़ घंटा लगता है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद पुलिस डेथ सर्टिफिकेट जारी करती है। दुबई स्थित भारतीय कॉन्स्युलेट पासपोर्ट रद्द करता है।
इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को जरूरी कार्यवाही करनी पड़ती है। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बॉडी को परिजन को सौंपने की अनुमति देता है। इसके बाद प्राइवेट प्लेन से बॉडी को बाहर भेजा जाता है।