आरके फिल्म्स ने 15 सालों से कोई फिल्म नहीं बनायी है, जबकि आरके परिवार की अभिनेत्री करीना कपूर का कहना है कि अभी इसके पुनरोद्धार की कोई योजना नहीं है. काफी समय से इस बारे में अफवाह है कि दिवंगत फिल्म निर्माता राज कपूर द्वारा स्थापित फिल्म निर्माण कंपनी आरके फिल्म्स का कायापलट होने वाला है. करीना ने बताया, ‘‘आरके बैनर के पुनरोद्धार की कोई योजना नहीं है. हमने इसके बारे में कुछ नहीं सोचा है.
मेरे दादाजी ने बहुत सारी फिल्में बनायी थीं और वास्तव में एक उम्दा बैनर स्थापित किया था. हमने वाकई कुछ अच्छी फिल्में बनायीं लेकिन इस समय कुछ भी नहीं हो रहा.’’ उल्लेखनीय है कि आरके फिल्म्स की स्थापना 1948 में हुयी थी. इस बैनर ने ‘आग’, ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘बूट पालिश’, ‘जागते रहो’, ‘श्री420’, ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी’, ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ और अन्य उल्लेखनीय फिल्में बनायी हैं.
1988 में राजकपूर की मौत के समय ‘हिना’ की शूटिंग चल रही थी, जिसके बाद उनके पुत्र रणधीर कपूर ने स्टूडियो का जिम्मा संभाला. रणधीर कपूर ने ‘हिना’ का निर्देशन किया. इसके अलावा उन्होंने ‘धरम करम’ भी बनायी. राजीव कपूर ने ‘प्रेम ग्रंथ’ और उसके बाद ऋषि कपूर ने 1999 में ‘आ अब लौट चलें’ का निर्माण किया. यह आरके स्टूडियो की आखिरी फिल्म थी.
कपूर परिवार की करीब चार पीढ़ियां इस शो-बिजनेस की अगुवाई करती रही हैं. पृथ्वीराज कपूर से राजकपूर और उनके तीन पुत्रों रणधीर, ऋषि और राजीव ने फिल्म निर्माण के अलावा अभिनय भी किया. इसकी बाद की पीढ़ियों में करिश्मा, करीना और रणबीर कपूर इस समय फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं.