बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी अभिनेता सूरज पंचोली के खिलाफ मुकदमे को आज स्थगित कर दिया और दिवंगत अदाकारा की मां राबिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सात जून की तारीख निर्धारित कर दी। राबिया अपनी बेटी की मौत की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराए जाने का आग्रह कर रही हैं। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति शालिनी फंसालकर जोशी की अवकाशकालीन पीठ ने विशेष महिला अदालत के समक्ष चल रहे मुकदमे को स्थगित करते हुए राबिया की याचिका पर सुनवाई के लिए सात जून की तारीख निर्धारित कर दी।
विशेष अदालत ने राबिया के उच्च न्यायालय जाने की इजाजत मांगने पर 20 मई को मुकदमा 10 जून के लिए स्थगित कर दिया था। उच्च न्यायालय में दायर याचिका में राबिया ने एसआईटी जांच की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में मामले की जांच कर रही सीबीआई मुंबई पुलिस के इस निष्कर्ष से सहमत थी कि यह आत्महत्या का मामला है, न कि हत्या का।
राबिया के वकील सुभाष झा ने कहा,‘उच्च न्यायालय ने आज मेरी दलीलों को स्वीकार किया कि पूर्व में भी उच्च न्यायालय की नियमित पीठ ने मामले में स्थगन दिया था, लेकिन बाद में स्थगन बढ़ाने से इनकार कर दिया। इसके बाद राबिया ने उच्चतम न्यायालय से संपर्क किया जिसने 17 मई को याचिका पुन: उच्च न्यायालय में दायर करने को कहा और उच्च न्यायालय से कहा कि वह मामले में तेजी से फैसला करे।’ उनकी याचिका में कहा गया, ‘निचली अदालत में मुकदमा सही ढंग से आगे नहीं बढ़ रहा है और मामले में आरोपी (सूरज) के बरी हो जाने की संभावना है।’
राबिया का कहना है कि सीबीआई ‘खुद को अच्छी तरह से ज्ञात कारणों की वजह से’ मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति का पुरजोर विरोध कर रही है। झा ने कहा कि जांच एसआईटी को दी जानी चाहिए क्योंकि सीबीआई ने अपने आरोपत्र में भी कहा है कि मौत हत्या नहीं थी, जबकि फॉरेंसिक साक्ष्य इसके उलट इशारा कर रहे हैं।
राबिया ने तीन जून 2013 को हुई जिया की मौत को आत्महत्या की श्रेणी में रखे जाने पर सीबीआई के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी । राबिया ने उच्च न्यायालय से मामले की नए सिरे से जांच करने के लिए एसआईटी गठित करने का आग्रह किया। जिया के दोस्त-अभिनेता सूरज को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में 10 जून 2013 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने पर उसे दो जुलाई 2013 को रिहा कर दिया गया।