न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर नाम की दुर्लभ बीमारी के लिए लंदन पहुंचे अभिनेता इरफ़ान खान

न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर नाम की दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे इरफ़ान खान इलाज के लिए लंदन पहुंच चुके हैं। उन्होंने वहां से इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर की है और एक इमोशनल मैसेज भी पोस्ट किया है। फोटो के साथ इरफ़ान ने जो मैसेज लिखा है, उसका सार है भगवान हम सब से बात करता है, उसने हमें बनाया है।

फिर रात के अंधेरे में ख़ामोशी से हमारे साथ चलता है। ये शब्द हम सुनते हैं। लाइफ में अच्छा या बुरा जो भी हो रहा है, उसे होने दीजिए। क्योंकि यह भावना लास्ट नहीं है। इसके आसपास जो है, उसे जिंदगी कहते हैं। इसके बार में आपको गंभीर रूप से पता चला है। मुझे अपना हाथ दीजिए।

बता दें कि खुद इरफ़ान ने ही कुछ दिन पहले अपनी बीमारी के बारे में फैन्स को बताया था।इरफान ने ट्वीट में लिखा था जिंदगी में अचानक कुछ ऐसा हो जाता है, जो आपको आगे लेकर जाती है। मेरी जिंदगी के पिछले कुछ दिन ऐसे ही रहे हैं। मुझे न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी हुई है। लेकिन मेरे करीब मौजूद लोगों के प्यार और ताकत ने मुझमें उम्मीद जगाई है।

उन्होंने आगे लिखा था इसके इलाज के लिए मैं विदेश जा रहा हूं। मेरी सभी से गुजारिश है कि वे मेरे लिए दुआएं करते रहें। मेरी बीमारी को लेकर न्यूरो की जो अफवाह फैलाई जा रही हैं, इसके लिए बता दूं कि न्यूरो हमेशा ब्रेन के लिए नहीं होता। जिन लोगों ने मेरे स्टेटमेंट का इंतजार किया, मुझे उम्मीद है कि मैं फिर से और कहानी लेकर आऊंगा।

एंडोक्राइन ट्यूमर शरीर की उन कोशिकाओं में होता है जो एंडोक्राइन हार्मोन रिलीज करती हैं। इन्हीं कोशिकाओं के अनियंत्रित बढ़ने से यह ट्यूमर का रूप ले लेता है।इसके कई ग्रेड होते हैं। ग्रेड एक और दो नॉर्मल हैं। वहीं, ग्रेड 3 सबसे ज्यादा खतरनाक है। इस ग्रेड में ये कैंसर का रूप ले लेता है।

यदि ग्रेड 3 का ट्यूमर है तो इसके लिए कीमोथेरेपी दी जाती है। ये ट्यूमर सिर्फ दिमाग ही नहीं बल्कि फेफड़े, पेट, पेनक्रियाज और आंतों में भी हो सकता है।7 जनवरी, 1967 को जयपुर में पैदा हुए इरफान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पासआउट हैं। इरफान अपने सहज अभिनय के लिए जाने जाते हैं।1988 में मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे से उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया।

फिल्म ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट हुई थी।इरफान की कुछ खास फिल्मों में हासिल, मकबूल, लाइफ इन मेट्रो, न्यूयॉर्क, द नेमसेक, लाइफ ऑफ पई, साहब, बीवी और गैंगस्टर 2 और पान सिंह तोमर हैं।2011 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।2012 में उन्हें पान सिंह तोमर के लिए बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

इरफान की डेब्यू मूवी 1988 में आई सलाम बॉम्बे है। इस मूवी में उन्होंने एक लेटर राइटर का रोल प्ले किया था। हालांकि इरफान को फिल्मों में पहचान 2002 में आई फिल्म ‘हासिल’ से मिली। इसमें उन्होंने रणविजय सिंह का रोल प्ले किया था। हासिल में बेस्ट नेगेटिव रोल के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला है। 

इसके बाद इरफान ने मकबूल, आन, द किलर, नेमसेक, बिल्लू, 7 खून माफ, पानसिंह तोमर, लाइफ ऑफ पाइ, डी-डे, द लंचबॉक्स, किस्सा, पीकू, तलवार, इनफर्नो, मदारी, हिंदी मीडियम और करीब-करीब सिंगल जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया।

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