आप सभी ब्लोगर्स साथियों एवं देशवासियों को गणतंत्र-दिवस की बहुत बहुत बधाई एवं ढेरों शुभ-कामनाएं ! हम सब जानते हैं यह हमारा राष्ट्रिय पर्व है ! इस राष्ट्रीय पर्व को हमें पूरे जोर शोर , उत्साह के साथ मानना चाहिए ! भले ही ये पर्व एक दिन का हो , हमें एक दिन के लिए ही अपने दिलों में देशभक्ति …
Read More »विचार
पशुओं की ‘संसद‘
मनुष्यों के अत्याचार से पीड़ित पशुओं ने सुरक्षा के लिए अपनी संसद में आवाज बुलंद की। कोई मनुष्य की तरह मानवाधिकार कानून की मांग कर रहा था तो कोई लोकपाल बिल जैसा बिल। पशुओं की संसद में ‘कूकुर दल‘ के नेता ने सबसे पहले मुद्दा उठाया। महोदय! हमारी जाति स्वामिभक्ति के लिए प्रसिद्ध है और इंसान गद्दारी के लिए। फिर …
Read More »परिवारवाद के सहारे सपा
परिवारवाद की संस्कृति भारतीय राजनीति की जड़ो में रच बस गई है। इसकी तरक्की का ग्राफ इतनी तेजी से बढ़ा है की बड़े – बड़े लोग हैरत में पड़ जाये। देश दुनिया में हर जगह ऐसा ही नजारा है और यूपी भी इससे अछुता नहीं है। यहाँ आर्थिक और सामाजिक विकास का संकट भले ही हो लेकिन परिवारवाद की राजनीति खासा प्रगति पर …
Read More »सबके अपने -अपने दांव
आगामी विधानसभा के चुनाव 2012 का शंखनाद अभी हुआ ही है की राजनीतिक पार्टियों में इसकी आहट सुनाई पड़ने लगी है। सराजनीतिक पार्टियां जनता को रिझाने के लिए शतरंज की गोट बिछाने लगी हैं। अगर देखा जाये तो इलाहाबाद राजनीति का गढ़ माना जाता है। आजादी से लेकर अब तक सभी पार्टियों के लिए इलाहाबाद खासा महत्व रखता है। इस जिले में अतीक …
Read More »जो भी होता है अच्छे के लिए होता है।
हमेशा एक बात सुनता आया हूँ कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। पहले तो मैं इस बात को दिलासा देने का एक माध्यम मानता था लेकिन अब इस पर यकीन होने लगा है। एक दिन दुकान से नया जूता खरीद कर लाया और वह कुछ दिन बाद ही फट गया। उस समय दुकानदार को मन ही …
Read More »देव आनंद :मौत ने तोड़ दी एक हरी टहनी
किताबों,पत्रिकाओं,फिल्मों और विचारों से भरे दफ्तर के कमरे में बिना नागा हर दिन देव आनंद आते थे। अपना फोन खुद उठाना और खास अंदाज में हलो के साथ स्वागत करना मूड न हो तो कह देते थे देव साहब अभी नहीं हैं। बाद में फोन कर लें। अगर आप उनकी आवाज पहचानते हों तो उनके इस इंकार से नाराज नहीं …
Read More »देव साहब की सदाबाहर फिल्में सदा याद दिलाएंगी उनकी
1950 के दशक में हिंदी फिल्म की दुनिया में एक ऐसा चेहरा था जिसने हिंदी फिल्म की दुनिया की तस्वीर ही बदल दी थी। उनकी लोकप्रियता का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह देश के किसी भी शहर में जाते तो उनके चाहने वालो में पुरुषो से ज्यादा महिलायें होती थी। उनके स्मार्टनेस की लडकियां इतनी …
Read More »जब बना एक दिन का ‘नायक’
‘नायक’ फिल्म में अनिल कपूर साहब को जो उपलब्धि मिली उससे बड़ी उपलब्धि मुझे मिली। बस फर्क इतना था कि उन्हें उपलब्धि फिल्म में मिली थी और मुझे स्वप्न में। एक दिन मुझे स्वप्न आया कि मुझे एक दिन के लिए प्रधानमंत्री बना दिया गया है। जैसे ही मैंने ये खबर सुनी मैं फूले नहीं समा रहा था। थोड़ी ही …
Read More »‘‘ट्रांसपेरेंसी इन्टरनेशनल ”बनाम भ्रष्टाचार
भ्रष्ट देशों की सूची में हमारा देश अत्यंन्त महत्वपूर्ण स्थान पर है। हम सर्वाधिक बेईमान देशों में अग्रगन्य हैं। हमारे ’भाग्य विधाताओ’ का मन बिना भेंट लिए नहीं पसीजता। पैसे को खुदा मानना इनका धर्म है। सत्ता ’शिखर पर घोटालों में डूबे देश में क्या अब भ्रष्टाचार की मात्रा कोई मुद्दा बनता है? भ्रष्ट देशों की सूची में भारत का …
Read More »‘‘ट्रांसपेरेंसी इन्टरनेशनल ''बनाम भ्रष्टाचार
भ्रष्ट देशों की सूची में हमारा देश अत्यंन्त महत्वपूर्ण स्थान पर है। हम सर्वाधिक बेईमान देशों में अग्रगन्य हैं। हमारे ’भाग्य विधाताओ’ का मन बिना भेंट लिए नहीं पसीजता। पैसे को खुदा मानना इनका धर्म है। सत्ता ’शिखर पर घोटालों में डूबे देश में क्या अब भ्रष्टाचार की मात्रा कोई मुद्दा बनता है? भ्रष्ट देशों की सूची में भारत का …
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